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बोनस शेयरों पर SEBI का प्रस्‍ताव, रिकॉर्ड डेट के 2 दिन के भीतर अकाउंट में क्रेडिट होंगे शेयर

मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि रिकॉर्ड डेट के बाद ऐसे शेयरों के लिए T+2 सुव्यवस्थित करने के लिए ऐसा करना जरूरी है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:21 AM IST, 07 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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शेयर बाजार निवेशकों के लिए एक अच्‍छी खबर है. मार्केट रेगुलेटर SEBI बोनस शेयरों को लेकर जल्‍द ही नियमों में बदलाव कर सकती है. आपका बोनस शेयर रिकॉर्ड डेट के दो दिनों के अंदर ही आपके अकाउंट में दिख सकता है.

इसके लिए SEBI ने कंसल्‍टेशन पेपर जारी किया है और प्रस्‍ताव पर लोगों से 26 अगस्त तक कमेंट्स मांगे हैं.

कंसल्टेशन पेपर में SEBI ने क्‍या कहा?

रिकॉर्ड डेट के बाद बोनस शेयरों की T+2 ट्रेडिंग को सक्षम बनाने के लिए और बोनस शेयरों की समय पर क्रेडिट और ट्रेडिंग सुनिश्चित करने के लिए SEBI ने एक समान डेडलाइन तय करने का प्रस्‍ताव रखा है.

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा कि बोनस शेयर के अकाउंट में जमा कराने को लेकर किसी तरह के नियम नहीं हैं. इसके चलते शेयरों को जमा करने और बोनस इश्यू को ट्रेडिंग के लिए एवलेबल कराने की डेडलाइन समान नहीं है.

मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि रिकॉर्ड डेट के बाद ऐसे शेयरों के T+2 (ट्रेड वाले दिन के अलावा 2 दिन में ट्रेड सक्षम करने की प्रक्रिया) सुव्यवस्थित करने के लिए ऐसा जरूरी है.

फिलहाल लगता है ज्‍यादा समय

वर्तमान में बोनस इश्यू के बाद मौजूदा शेयर उसी ISIN के तहत ट्रेडिंग करना जारी रखते हैं और फिर उसी में नए बोनस शेयर क्रेडिट किए जाते हैं. ये रिकॉर्ड डेट के बाद 2 से 7 दिनों के भीतर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं. मौजूदा व्‍यवस्‍था में देखा जाए तो ऐसे मामलों में जहां कंपनियों को बोनस शेयर आवंटित करने के लिए केवल बोर्ड की मंजूरी जरूरी होती है, उन शेयरों को मंजूरी के 15 दिनों के भीतर लिस्‍टेड करना होता है.

वहीं, कंपनियों के लिए जहां शेयरहोल्‍डर्स की भी मंजूरी जरूरी होती है, वहां बोनस शेयरों की लिस्टिंग बोर्ड की मंजूरी के दो महीने के भीतर होनी होती है.

यूनिफॉर्मिटी जरूरी

SEBI ने कहा है कि बोनस शेयरों के क्रेडिट और ट्रेडिंग के लिए समयसीमा में यूनिफॉर्मिटी यानी एकरूपता लाना जरूरी है. इसके लिए ये जरूरी है कि रिकॉर्ड डेट से बोनस शेयरों के क्रेडिट और ट्रेडिंग के लिए समयसीमा तय की जाए ताकि बोनस इश्यू जल्‍द निवेशकों के खाते में आ सके. अब SEBI ने जो प्रस्‍ताव दिया है, वे लागू हो जाएं तो ये समयसीमा काफी कम हो जाएगी.

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