इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI कनेक्टेड पर्सन की परिभाषा में बदलाव करना चाहता है. SEBI ने इस संबंध में सोमवार को कंसल्टेशन पेपर जारी किया है. इसमें SEBI PIT (Prohibition of Insider Trading) रेगुलेशंस में 'कनेक्टेड पर्सन' के तहत 'इमीडिएट रिलेटिव' को बदलकर 'रिलेटिव' करने का प्रस्ताव रखा गया है.
SEBI ने इस कंसल्टेशन पेपर पर 18 अगस्त तक पब्लिक से कमेंट मांगे हैं. अगर ये प्रस्ताव लागू होता है तो किसी संस्थान से जुड़े व्यक्ति के रिश्तेदारों को भी संबंधित शेयर्स में ट्रेडिंग करने पर रोक लग जाएगी.
दरअसल, इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए SEBI पहले भी कई सारे बदलाव करता रहा है. अब इसने कनेक्टेड पर्सन का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. 29 जुलाई को जारी किए गए अपने कंसल्टेशन पेपर में सेबी ने रेगुलेशन 2(1) (D) के तहत 'इमीडिएट रिलेटिव' को बदलकर 'रिलेटिव' करने का प्रस्ताव रखा है.
मौजूदा नियमों के तहत जहां इसके अंतर्गत केवल जीवनसाथी, माता-पिता जैसे इमीडिएट रिलेटिव ही आते हैं, वहीं प्रस्ताव लागू हुआ तो इसमें अब जीवनसाथी के भाई-बहन, माता-पिता के भाई-बहन के साथ-साथ पीढ़ी के अन्य लोग और उनके जीवन-साथी को भी शामिल किया जाएगा.
मान लीजिए कि ट्रेडर को किसी शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव के बारे में पहले से पता चल जाए तो वो निश्चित तौर पर इसका फायदा उठा सकता है. ये शख्स कंपनी के बोर्ड में शामिल कोई अधिकारी या मेंबर हो सकता है या फिर उस कंपनी से जुड़ा हुआ कोई अन्य व्यक्ति हो सकता है, जिसे स्टॉक से जुड़ी संवेदनशील जानकारी, मैटेरियल या नॉन-पब्लिक सूचनाओं के बारे में पता हो.
इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) तब अवैध होती है, जब मैटेरियल इंफॉर्मेशन नॉन-पब्लिक होता है. ये ऐसी सूचनाएं होती हैं, जो निवेशक के ऐसे स्टॉक बेचने या खरीदने के फैसले पर बड़ा असर डाल सकती है, जो अब तक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हों. SEBI के नियमों के तहत 'कनेक्टेड पर्सन' ऐसे लोग होते हैं, जिनके पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संवेदनशील जानकारियों का एक्सेस होता है.
SEBI ने प्रस्ताव रखा है कि अगर कोई शख्स किसी ऐसे पेशे में या पद पर है, जहां कोई संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक होने से पहले, उसे पता हो तो उससे जुड़े रिश्तेदारों को भी इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के तहत लाकर फायदा उठाने से रोका जाए.