कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI (Security and Exchange Board Of India) ने मंगलवार को रिसर्च एनालिस्ट (RA) के सुपरविजन और एडमिनिस्ट्रेशन के लिए एक अलग संस्था बनाने का प्रस्ताव दिया है. इस संस्था को 'रिसर्च एनालिस्ट एडमिनिस्ट्रेशन एंड सुपरवाइजरी बॉडी (RAASB)' के नाम से जाना जाएगा.
अपने कंसलटेशन पेपर में SEBI ने कहा कि नई संस्था द्वारा रिसर्च एनालिस्ट पर किसी तरह का अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं डाला जाना चाहिए. मौजूदा RA नियमों में जो रजिस्ट्रेशन और एप्लीकेशन फीस है, उसी का बंटवारा किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है.
रिसर्च एनालिस्ट का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लेने के लिए RAASB की सदस्यता अनिवार्य करने का सुझाव भी दिया गया है.
SEBI ने इस प्रस्ताव पर 12 सितंबर तक सुझाव मांगे हैं.
कंसलटेशन पेपर में कहा गया, 'रिसर्च एनालिस्ट के बिजनेस की बदलती प्रवृत्ति को देखते हुए, SEBI, IAASB की तर्ज पर RAASB नाम की संस्था को रिसर्च एनालिस्ट के सुपरविजन और एडमिनिस्ट्रेशन का काम देखने के लिए मान्यता दे सकती है. इसके बाद इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स की तरह रिसर्च एनालिस्ट के लिए भी फ्रेमवर्क लाया जा सकता है.'
इससे पहले SEBI ने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के एडमिनिस्ट्रेशन और सुपरविजन के लिए IAASB (Investment Adviser Administration And Supervisory Body) नाम की संस्था को मान्यता दी थी.
एलिजिबल स्टॉक एक्सचेंजेज की दिलचस्पी जानकर, BSE के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी BSE एडमिनिस्ट्रेशन एंड सुपरविजन लिमिटेड को जून, 2021 के बाद तीन साल के लिए IAASB के तौर पर मान्यता दी गई थी. बाद में SEBI ने एडमिनिस्ट्रेशन और सुपरविजन के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार किया, जिसमें IAASB की भूमिका और जिम्मेदारियों को बताया गया था.