मार्केट रेगुलेटर SEBI इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स को लेकर एक नया प्रस्ताव लेकर आने वाला है. जिससे सभी इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स - फ्यूचर और ऑप्शंस, हर एक्सचेंज पर या तो मंगलवार को एक्सपायर होंगे या फिर गुरुवार को, दोनों दिन नहीं. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि मार्केट रेगुलेटर सभी एक्सचेंजेज में एकरूपता लाना चाहता है और एक्सपायरी वाले दिन जो उठा-पटक होती है उसको कम करना चाहता है.
सूत्रों ने बताया कि SEBI के नए प्रस्ताव के मुताबिक - हरेक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज को सिर्फ 'एक वीकली इंडेक्स ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट' की इजाजत होगी, जो कि या तो मंगलवार को एक्सपायर होगा, या फिर गुरुवार को एक्सपायर होगा. यानी एक्सचेंज इन दो दिनों में से किसी एक दिन वीकली एक्सपायरी ऑफर कर सकता है, दोनों दिन नहीं.
जो लोग इस खबर से सीधे तौर पर जुड़े हैं, उन लोगों ने बताया है कि मार्केट रेगुलेटर के इस प्रस्ताव को कुछ छोटे एक्सचेंज में नाराजगी है, उनको ये प्रस्ताव पसंद नहीं आया है. मार्केट रेगुलेटर को इन छोटे प्लेयर्स से शिकायतें भी मिली हैं. हालांकि, रेगुलेटर की ओर से अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है.
वीकली बेंचमार्क इंडेक्स ऑप्शंस के अलावा, बाकी सभी इक्विटी डेरिवेटिव्स - जिसमें स्टॉक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस,नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स डेरिवेटिव्स और बेंचमार्क इंडेक्स फ्यूचर्स शामिल हैं - वो मंथली एक्सपायर होंगे, उनकी एक्सपायरी हर महीने के अंतिम हफ्ते में होगी, वो दिन एक्सचेंज की ओर से चुने गए मंगलवार और गुरुवार में से कोई एक दिन होगा. रेगुलेटर को भविष्य में किसी भी कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी या सेटलमेंट डे को शुरू करने या संशोधित करने से पहले एक्सचेंजों से पहले से मंजूरी लेने की जरूरत होगी.
इस बीच खबर ये भी है कि मार्केट रेगुलेटर SEBI इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेडिंग पर प्रस्तावित प्रतिबंधों में ढील देने की योजना बना रहा है. इसके लिए नेट और ग्रॉस पोजीशन लिमिट में थ्रेसहोल्ड को बढ़ाने की योजना है. ये जानकारी NDTV Profit को इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से मिली है.
सूत्रों से ये भी पता चला है कि SEBI हर दिन के हिसाब से नेट पोजीशन लिमिट को 1,500 करोड़ रुपये और ग्रॉस लिमिट को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये रखने की योजना बना रहा है. आपको बता दें कि मार्केट रेगुलेटर के पिछले प्रस्ताव में नेट पोजीशन को 500 करोड़ और ग्रॉस पोजीशन को 1,500 करोड़ रुपये रखने का प्रस्ताव था.
साथ में एक प्रस्ताव ये भी है कि इंडेक्स ऑप्शंस में इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कोई सीमा नहीं रखी जाएगी. इसके बजाय, एक मजबूत निगरानी प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा, जहां एक्सचेंज, SEBI के साथ मिलकर दिन में 4 बार इंट्राडे पोजीशन की निगरानी करेंगे. अगर किसी ट्रेडर का एक्सपोजर निश्चित सीमा का उल्लंघन करता है, तो रेगुलेटर संभावित हेरफेर की जांच करेगा.