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NSE ने IPO की तरफ बढ़ाया एक और कदम; जानें कहां तक पहुंची प्रकिया?

TAP केस को निपटाने के लिए मामले में शामिल पार्टीज ने आरोपों को ना तो मानते हुए, ना ही इन्हें नकारते हुए SEBI से 643 करोड़ रुपये में सेटलमेंट की अपील की थी. साथ में नॉन-मॉनिटरी टर्म्स भी थीं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:34 PM IST, 07 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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NSE का IPO लाने का सपना जल्द पूरा हो सकता है. SEBI ने NSE को ट्रेडिंग एक्सेस प्वाइंट (TAP) केस को सेटल करने की अनुमति दे दी है.

क्या है पूरा मामला?

2008 में NSE ने ट्रेडिंग एक्सेस प्वाइंट का सिस्टम शुरू किया था, जिसका इस्तेमाल ट्रेडिंग मेंबर्स एक्सचेंज के साथ अपने कनेक्शंस मैनेज करने के लिए करते थे. NSE 2013 में 'ट्रिम्ड TAP' और 2016 में 'डायरेक्ट कनेक्ट' जैसे विकल्प लेकर भी आया. TAP का इस्तेमाल 2019 तक इक्विटी ट्रेडिंग और 2020 तक सिक्योरिटीज लेंडिंग के लिए किया जाता रहा.

लेकिन ये आरोप लगाए गए कि NSE TAP सिस्टम की बायपासिंग को रोकने के लिए कदम उठाने में नाकाम रहा. SEBI द्वारा एक जांच के बाद 11 एंटिटीज को नियमों के उल्लंघन के लिए शोकॉज नोटिस जारी किया गया, इसमें NSE कर्मचारी और मैनेजमेंट भी शामिल थे.

केस को निपटाने के लिए मामले में शामिल पार्टीज ने आरोपों को ना तो मानते हुए, ना ही इन्हें नकारते हुए 643 करोड़ रुपये में सेटलमेंट की अपील की थी. साथ में नॉन-मॉनिटरी टर्म्स भी थीं.

अन्य बाधाएं

इसके अलावा NSE के IPO में सबसे बड़ी बाधा को-लोकेशन केस था. इस केस को भी हाल में SEBI ने खारिज कर दिया, इसके लिए एक्सचेंज के खिलाफ सबूतों की कमी को आधार बताया गया.

इस केस की शुरुआत 2019 में SEBI के एक आदेश के बाद हुई थी, जो NSE की को-लोकेशन फैसिलिटी से जुड़े मुद्दों पर था. को-लोकेशन एक ऐसा सिस्टम था, जिसके जरिए ट्रेडिंग मेंबर्स को एक्सचेंज डेटा सेंटर पर अपने सर्वर्स को को-लोकेट करने की व्यवस्था दी गई थी.

SEBI ने एक्सचेंज को फ्रेश NOC को फाइल करने के लिए प्रोत्साहित किया था. ये डेवलपमेंट दिल्ली हाई कोर्ट में अप्रूवल प्रोसेस को तेज करने की याचिका लगाने के बाद हुए थे. दरअसल SEBI ने कोर्ट को बताया था कि NSE की तरफ से नई एप्लीकेशन फाइल नहीं की गई है.

NDTV Profit को इससे पहले जानकारी मिली थी कि IPO लाने के क्रम में पहले NSE को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होगा. एक बार जब NSE को SEBI से NOC मिल जाएगा, तो कंपनी DRHP फाइल कर सकती है.

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