शेयर मार्केट ब्रोकर्स और निवेशकों के लिए आज की तारीख (1 अक्टूबर 2024) बेहद अहम है. आज से शेयर मार्केट में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं. NSE और BSE के नए ट्रांजैक्शन फीस स्ट्रक्चर से लेकर F&O ट्रेडिंग पर STT यानी सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स तक, कुल 4 बदलाव आज से लागू हुए हैं.
इनमें कुछ बदलावों का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने बजट में ही किया था. शेयर मार्केट इन्वेस्टर्स और ब्रोकर्स पर इन बदलावों का क्या असर होने वाला है. आइए, थोड़ा विस्तार से समझ लेते हैं.
स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE ने प्रभावी कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए नए ट्रांजैक्शन फी स्ट्रक्चर की घोषणा की थी, जो कि आज 1 अक्टूबर से लागू हो गया है.
NSE, कैश मार्केट में ट्रेड के लिए खरीद और बिक्री दोनों पर ही ट्रेड वैल्यू के हर एक लाख पर ₹2.97 का चार्ज लेगा.
इक्विटी फ्यूचर्स में चार्ज ₹1.73/लाख होगा, जबकि इक्विटी ऑप्शंस पर चार्ज ₹35.03/लाख होगा.
BSE पर, सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए ट्रांजैक्शन फीस प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू के प्रति करोड़ पर 3,250 रुपये तक बढ़ जाएगा.
ये संशोधन जुलाई 2024 में जारी किए SEBI के सर्कुलर के अनुसार हैं, जिसमें मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) के लिए नए फीस स्ट्रक्चर की रूपरेखा तय की गई थी.
देश में बहुत-सारे लोग फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में ट्रेड करते हैं. उनके लिए STT से जुड़ा ये नियम असरदार होगा. आज 1 अक्टूबर से F&O ट्रेड पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) की बढ़ी हुई दरें लागू हो चुकी हैं.
फ्यूचर्स पर STT में 0.02% तक और ऑप्शंस पर 0.1% तक इजाफा हुआ है.
इससे खासतौर पर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए F&O ट्रेड करने की लागत बढ़ जाएगी.
हाल के दिनों में डेरिवेटिव ट्रेडिंग में रिटेल भागीदारी बढ़ी है, STT में बढ़ोतरी का उद्देश्य इस पर अंकुश लगाना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 शेयर बायबैक से होने वाली इनकम को भी डिविडेंड के बराबर बताते हुए इस पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था. ये बदलाव आज 1 अक्टूबर से लागू हो गए हैं. डिविडेंड्स की तरह शेयर बायबैक से होने वाली आय पर भी शेयरहोल्डर लेवल के टैक्स लागू होंगे. शेयर बायबैक से हुई आय पर भी टैक्स लगाने से ट्रेड करने वाले लोगों पर टैक्स का बोझ थोड़ा बढ़ जाएगा.
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बोनस शेयरों के क्रेडिट होने और उसकी ट्रेडिंग प्रोसेस में तेजी लाने के उद्देश्य से मिड-सितंबर में नया सर्कुलर जारी किया था, जिसमें बोनस शेयरों के लिए T+2 ट्रेडिंग डे का प्रावधान किया गया है.
आज 1 अक्टूबर से लागू नई व्यवस्था के तहत निवेशक रिकॉर्ड डेट के बाद 2 दिन में ही बोनस शेयरों की ट्रेडिंग कर सकेंगे. आज से घोषित सभी बोनस शेयरों पर ये व्यवस्था लागू होगी.
यहां T का मतलब रिकॉर्ड डेट से है. रिकॉर्ड डेट वो तारीख होती है, जब कंपनी ये तय करती है कि कौन-कौन से शेयरहोल्डर्स बोनस इश्यू हासिल करने के योग्य हैं.
T+2 टाइमलाइन का पालन नहीं हाेने पर जुर्माना भी लगेगा. ये जुर्माना 19 अगस्त 2019 को जारी SEBI के उस सर्कुलर के हिसाब से लगाया जाएगा, जिसमें ICDR रेगुलेशंस के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर जुर्माने की बात कही गई है.