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ICICI सिक्योरिटीज की होगी डीलिस्टिंग, शेयरधारकों को मिलेंगे ICICI बैंक के शेयर

ICICI बैंक की 29 जून को बोर्ड बैठक में ICICI Securities को डीलिस्ट करने पर फैसला हो सकता है. रेगुलेटर्स नियमों के मुताबिक ICICI सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को ICICI बैंक का शेयर मिलेगा.
NDTV Profit हिंदीजसप्रीत कालरा
NDTV Profit हिंदी03:24 PM IST, 26 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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ICICI सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए ICICI बैंक की इस हफ्ते के अंत में एक बैठक हो सकती है.

रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक ICICI बैंक और ICICI सिक्योरिटीज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 29 जून, गुरुवार को बैठक होगी और इस प्रस्ताव पर विचार होगा.

खबर के बाद आज यानी 26 जून को शेयर दोपहर करीब 2 बजे तक 8% उछलकर 609.90 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इंट्रा-डे में ये 15% तक उछल गया.

रेगुलेटर्स नियमों के मुताबिक ICICI सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने के प्रस्ताव में शेयरधारकों को उनकी शेयरहोल्डिंग के बदले ICICI बैंक के शेयर मिलेंगे.

शेयर डीलिस्ट का मतलब?

सरल यानी आसान भाषा में समझें तो कंपनी का शेयर एक्सचेंज से हटाने की प्रक्रिया डीलिस्टिंग कहलाती है यानी डीलिस्ट के बाद शेयर एक्सचेंज में ट्रेड नहीं हो सकता.

ICICI सिक्योरिटीज ICICI बैंक की एक सब्सिडियरी कंपनी है और देश के पांच सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकर्स में से एक है. ये अप्रैल 2018 में एक्सचेंज में लिस्ट हुआ था.

ICICI सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को क्या मिलेगा

रेगुलेटर्स प्रावधानों के मुताबिक ICICI सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने के प्रस्ताव में ICICI सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को ICICI बैंक का शेयर मिलेगा.

SEBI के नियमों के अनुसार होल्डिंग कंपनियों को किसी सब्सिडियरी कंपनी जो लिस्टेड हो उसे डीलिस्ट करने के बदले शेयर देने की जरुरत होती है, जब होल्डिंग कंपनी और सब्सिडियरी दोनों एक ही श्रेणी में हों. एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, ICICI बैंक की फिलहाल ICICI सिक्योरिटीज में 74.85% हिस्सेदारी है.

लिस्टेड होल्डिंग कंपनी डीलिस्टिंग सहायक कंपनी में किसी भी इक्विटी शेयरों को रद्द करने के बदले में अपने इक्विटी शेयर जारी करने का प्रावधान करेगी.
SEBI (Delisting of Equity Shares) Regulations, 2021 - Part C
कई बार RBI ऐसे उद्देश्यों के लिए बैंकों से कैश आउटफ्लो की अनुमति नहीं देता है, इसलिए ICICI बैंक ने शेयरों की शेयर स्वैप का विकल्प चुना होगा. डीलिस्टिंग का फैसला रेगुलेटर्स प्रावधानों को ध्यान में रखकर ही होगा न कि कारोबार को देखकर.
आशुतोष मिश्रा, head of research for Institutional Equities, Ashika Stock Broking

Q4 में मुनाफा में तिमाही आधार पर 7% गिरा

31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही (Q4) में ICICI सिक्योरिटीज का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 23% और तिमाही आधार पर 7% घटकर 262 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी के पास लगभग 78,000 ग्राहकों का क्लाइंट बेस है, और वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में इसकी AUM (assets under management) के तहत परिसंपत्तियां 3.2 लाख करोड़ रुपये थीं, जो साल-दर-साल 13% की ग्रोथ को दिखाता है.

आशुतोष मिश्रा के मुताबिक ICICI सिक्योरिटीज को ICICI बैंक का सब्सिडियरी होने का पहले से ही फायदा मिलता रहा है. वहीं डीलिस्टिंग के बाद कंपनी के लिए रेगुलेटर्स को रिपोर्टिंग करने में आसानी होगी.

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