भारतीय शेयर बाजार में स्मॉलकैप (Small Cap) और मिडकैप (Mid Cap) शेयरों की रफ्तार से हर कोई वाकिफ है. इस रैली का फायदा उठाकर इन कंपनियों के प्रोमोटर्स ने भी इस दौरान जमकर शेयर बेचे हैं. मौजूदा वित्त वर्ष FY24 की बात करें, तो स्मॉल और मिडकैप कंपनियों के प्रोमोटर्स ने 41,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.
निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स ने इस वित्त वर्ष में अधिकतम 76% और 61% का उछाल देखा था. ये उछाल भी तब था, जब मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड्स को निवेशकों के हितों का ध्यान रखते हुए स्मॉल और मिडकैप की बेतहाशा तेजी की वजह से बने बुलबुले से बचने की सलाह दी थी.
NDTV Profit रिसर्च और NSE के डेटा पर नजर डालें, तो मौजूदा वित्त वर्ष में प्रोमोटर्स ने लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप को मिलाकर कुल 47,500 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची और 7,800 करोड़ रुपये की खरीदी.
अगस्त 2023 में सबसे बड़ी बिक्री देखने को मिली, जिसमें हल्स्ट BV (Hulst BV) ने कोफोर्ज के 7,684 करोड़ रुपये के 1.6 करोड़ शेयर बेचे.
कंपनी के शेयर ने इस बिक्री के पहले 26% की मजबूती दिखाई थी. शेयर बेचने के बाद इसमें 2% की गिरावट नजर आई.
दो सबसे बड़ी खरीद भी जून 2023 में दिखाई दी, जब HDFC बैंक के साथ मर्जर के पहले HDFC ने 2,300 करोड़ रुपये के 3.5 करोड़ शेयर खरीदे. जून तिमाही खत्म होने से पहले प्रोमोटर्स की कंपनी में 50.3% हिस्सेदारी हो गई थी.
स्मॉल और मिड कैप कंपनियों ने मार्केट के बाहर भी कई सौदे किए हैं.
मार्केट के बाहर कंपनियों के शेयरों में 10,400 करोड़ रुपये के सौदे हुए जबकि मार्केट में 7,800 करोड़ रुपये के सौदे हुए.
मार्केट के बाहर स्मॉल और मिड कैप के प्रोमोटर्स ने 9,800 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.
मार्केट के बाहर जो सबसे बड़ा सौदा रहा, वो सुवेन फार्मास्यूटिकल्स के प्रोमोटर्स जास्ती प्रॉपर्टीज एंड इक्विटी होल्डिंग्स ने किया. उन्होंने 6,313 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.