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Moody's ने घटाई US बैंकों की रेटिंग, अमेरिकी बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट

मूडीज ने फिलहाल छोटे और मझोले बैंकों की रेटिंग घटाई है. लेकिन एजेंसी ने आगे बड़े बैंकों की रेटिंग में कटौती की भी चेतावनी दी है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:47 PM IST, 08 Aug 2023NDTV Profit हिंदी
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US Banking Stocks : रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अमेरिका के करीब 10 छोटे-मझोले बैंकों की रेटिंग घटा दी जिसका असर मंगलवार को डाओ जोंस (Dow Jones) पर साफ नजर आया. अमेरिकी शेयर बाजार में करीब 475 अंकों की गिरावट देखी गई, हालांकि बाद में कुछ रिकवरी भी आई. फिलहाल डाओ जोंस, 320 अंकों की गिरावट के साथ 35,160 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. (भारतीय समयानुसार रात 10 बजे)

किन बैंकों पर असर?

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस (Moody's Investor Service) ने ये भी कहा है कि एजेंसी आगे U.S. बैंकॉर्प, बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलॉन कॉरपोरेशन, स्टेट स्ट्रीट कॉरपोरेशन और ट्रुइस्ट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन जैसी बड़ी बैंकिंग फर्म्स को भी डाउनग्रेड कर सकती है.

सोमवार को मूडीज ने कहा कि फंडिंग की ऊंची लागत, रेगुलेटरी कैपिटल की संभावित कमजोरी और कमर्शियल रियल एस्टेट में बढ़ते जोखिम, रेटिंग में रिव्यू की वजह बने हैं. रेटिंग कंपनी ने कहा, 'इन तीन वजहों से अमेरिका के कई बैंकों की क्रेडिट प्रोफाइल में गिरावट आई है, हालांकि ये सभी के लिए बराबर नहीं है.'

जिन बैंकों की रेटिंग में कटौती की गई है, उन पर शेयरों में गिरावट के तौर पर इसका असर देखने को मिला. इनमें M&T बैंक कॉरपोरेशन के शेयर्स 3.2%, वेबस्टर फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के शेयर्स में 1.3% की गिरावट देखी गई. (भारतीय समयानुसार रात 10 बजे तक.)

मूडीज ने 11 कर्जदाताओं के लिए भी निगेटिव आउटलुक बनाया है, जिनमें PNC फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप, कैपिटल वन फाइनेंशियल कॉरपोरेशन और सिटीजन्स फाइनेंशियल ग्रुप शामिल हैं. इनमें से PNC शेयर्स 2.2% और कैपिटल वन के शेयर्स में 2.4% की गिरावट आई है.

ज्यादा सावधान हैं इन्वेस्टर्स

इस साल कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क में रीजनल बैंक ढह गए थे. इसके चलते इंडस्ट्री में दिक्कतों को लेकर इन्वेस्टर्स पैनी नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि बढ़ती ब्याज दरों की वजह से बैंकों को डिपॉजिट्स के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है और दूसरे स्रोतों से फंडिंग की दर बढ़ गई है.

ऊपर से ये बढ़ी हुई दरें बैंक के एसेट्स की वैल्यू कम कर रही हैं, जिसके कारण कर्ज लेने वाले कमर्शियल रियल एस्टेट बिजनेसेज को अपने कर्ज को रिफाइनेंस कराने में दिक्कत आ रही है. इससे बैंकों की बैलेंस शीट भी कमजोर हो रही है.

मूडीज ने एक और नोट में लिखा, 'फंडिंग की बढ़ती दर और कम होती इनकम के चलते मुनाफे में गिरावट आएगी, जो घाटे में जाने से पहले की स्थिति होती है. ज्यादा कमर्शियल रियल एस्टेट एक्सपोजर वाले छोटे और मिडसाइज बैंकों के लिए खासतौर पर ये एसेट रिस्क बढ़ रहा है.'

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