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F&O पर SEBI के प्रतिबंध लागू होने के बाद डेरिवेटिव्स में आधा हो सकता है वॉल्यूम

SEBI ने इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव मार्केट को मजबूत करने के लिए अपने डेरिवेटिव फ्रेमवर्क के तहत कई नए बदलाव किए हैं. इसमें एक्सचेंज के लिए एक ही बेंचमार्क इंडेक्स के लिए वीकली एक्सपायरी जरूरी किया गया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:46 PM IST, 03 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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SEBI ने F&O ट्रेडिंग पर जो प्रतिबंध लागू किए हैं, उसका सीधा असर वॉल्यूम्स पर पड़ने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, नए नियमों के लागू होने के बाद भारत के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेडिंग वॉल्यूम अपने मौजूदा स्तर से आधा हो सकता है.

SEBI के F&O प्रतिबंधों का असर

NDTV प्रॉफिट को इन सूत्रों ने बताया कि जहां एक ओर वॉल्यूम में 50% तक की गिरावट आ सकती है, करीब 50–60% ट्रेडर्स सेगमेंट से बाहर हो जाएंगे, क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़ जाएगा. उन्होंने कहा कि NSE ने अबतक इस बात पर फैसला नहीं किया है कि वो किस बेंचमार्क को वीकली एक्सपायरी के लिए रखेगी, क्योंकि SEBI के मुताबकि एक्सचेंज को केवल ही एक इंडेक्स की एक्सपायरी की इजाजत है.

इतना ही नहीं, सूत्र यहां तक कहते हैं कि अगर इन कदमों का डेरिवेटिव्स में वॉल्यूम्स पर कोई असर नहीं पड़ता है तो मार्केट रेगुलेटर आगे भी सख्त कदम उठा सकता है.

SEBI इक्विटी इंडेक्स

SEBI ने इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव मार्केट को मजबूत करने के लिए अपने डेरिवेटिव फ्रेमवर्क के तहत कई नए बदलाव किए हैं. इसमें एक्सचेंज के लिए एक ही बेंचमार्क इंडेक्स के लिए वीकली एक्सपायरी जरूरी किया गया है. साथ ही ऑप्शन बायर्स के लिए अपफ्रंट कलेक्शन, कॉन्ट्रैक्ट साइज को बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं.

NDTV प्रॉफिट की कैलकुलेशन के मुताबिक सेगमेंट से कम वॉल्यूम वाले रिटेल इन्वेस्टर्स बाहर निकल जाते हैं, तो SEBI के बदलावों का कुल प्रभाव 30–35% तक हो सकता है. कैलकुलेशन के मुताबिक SEBI ने एक्सचेंजेज को कहा है कि वो केवल एक ही इंडेक्स की वीकली एक्सपायरी रख सकते हैं, तो इसका असर वॉल्यूम पर 60% तक दिख सकता है.

NDTV प्रॉफिट की कैलकुलेशन के मुताबिक,1 अक्टूबर से लागू होने वाले ट्रू-टू-लेबल और सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स के रूप में औसत ट्रांजैक्शन लागत करीब 30% बढ़ जाएगी. इसके अलावा एवरेज ओपन इंट्रेस्ट फ्रंट के मोर्चे पर ये असर 35–45% के बीच रहेगा. साथ ही, जो F&O में औसत ट्रेड साइज जो कि अभी 5,550 रुपये होता है, बढ़कर 20,000 रुपये हो सकता है.

इन सारे बदलावों का ऐलान मार्केट रेगुलेटर ने मंगलवार को एक सर्कुलर जारी किया था. जिसमें SEBI ने एक्सपायरी के दिन ट्रेडिंग वॉल्यूम में बेतहाशा उठा पटक का जिक्र किया था और इसका असर रिटेल निवेशकों पर किस तरह से पड़ता है, इस पर चिंता भी जताई थी.

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