SEBI ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में चल रहे एक मामले में NSE की IPO से जुड़ी प्रक्रिया पर विस्तार से जवाब दिया है. दरअसल पीपल एक्टिविज्म फोरम ने NSE की IPO प्रोसेस को तेज करने के लिए याचिका फाइल की है.
इसी सुनवाई में SEBI से NSE ने अपने IPO को ब्लॉक करने के फैसले पर विचार करने की अपील की है. NDTV प्रॉफिट ने ये खबर लिखने से पहले दिल्ली हाई कोर्ट में दायर SEBI के जवाब को देखा है.
SEBI का कहना है कि तमाम आपत्तियों के बाद, हाल में दायर की गई अपीलों में NSE ने IPO के लिए SEBI से NOC की मांग नहीं की है. इसलिए SEBI की तरफ से प्रोसेस में तेजी का सवाल ही नहीं उठता.
पहले SEBI ने NSE को अपने शेयर्स लिस्ट कराने की अनुमति दे दी थी. लेकिन 2019 में SEBI ने NSE की को-लोकेशन फैसेलिटी से जुड़ी दिक्कतों के चलते 6 महीने का बैन लगा दिया था. इस बैन पर में बाद में कुछ संशोधन किए गए थे, लेकिन ये अब भी जारी है.
SEBI ने अपने जवाब में कहा है कि NSE की को-लोकेशन केस में जारी जांच के चलते कंपनी के DRHP रिव्यू को सस्पेंड किया गया था. जांच में पता चला है कि NSE सभी ट्रेडिंग मेंबर्स में प्रतिस्पर्धा के लिए लेवल प्लेयिंग फील्ड बनाने में नाकामयाब रहा है, जिससे ट्रेडिंग सिस्टम में गलत एडवांटेज को रोकने की कोशिशों का उल्लंघन हुआ है.
SEBI रिप्लाई के मुताबिक, 5 फरवरी 2019 को SEBI ने NSE का DRHP वापस भेजा था. इसके लिए ऑफर साइज में आए बदलाव को वजह बताया गया और NSE को जांच पूरी होने के बाद दोबारा DRHP फाइल करने का निर्देश दिया गया.
NSE ने तब आवेदन पर यथास्थिति बनाए रखने की अपील की थी, लेकिन SEBI ने अनसुलझे रेगुलेटरी इश्यूज को वजह बताते हुए असहमति जता दी.
NSE ने इसके बाद भी IPO प्लान के लिए मंजूरी लेने की कोशिश की और नवंबर, 2019, फिर जुलाई 2020 में भी आवेदन किया. SEBI ने NSE के प्रोमोटर और डायरेक्टर से अगस्त 2021 में कुछ नियमों के पालन की पुष्टि करने को कहा.
NSE ने जरूरी अंडरटेकिंग दे दी है, लेकिन लिस्टिंग के लिए नई NOC की अपील नहीं की है.
SEBI के जवाब से ये भी पता चला है कि 1 जुलाई 2022 को SEBI ने NSE के ऑपरेशंस में कुछ और दिक्कतों को पाया है, जो टेक्नोलॉजी, गवर्नेंस, रेगुलेटरी कंप्लायंस से जुड़ी हैं. SEBI ने NSE को IPO आवेदन के पहले इन दिक्कतों को ठीक करने के लिए कहा है.
NSE ने SEBI के सवालों का 24 नवंबर 2022 और 14 मई, 2024 को जवाब दिया. लेकिन इन अपील में लिस्टिंग के लिए NOC की डिमांड नहीं थी. इसलिए SEBI का कहना है कि NSE के IPO की अनुमति देने में देरी का कोई सवाल ही नहीं उठता.