जी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment Enterprises) और इंडसइंड बैंक (IndusInd bank) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) को सूचित किया है कि इन दोनों के बीच आज एक समझौता हो गया है.
दोनी के बीच हुए सेटलमेंट एग्रीमेंट के तहत, इंडसइंड बैंक सोनी-जी मर्जर को लेकर NCLT में दी गई अपनी आपत्ति वापस लेने को तैयार हो गया है. भुगतानों को लेकर भी सहमति बन गई है, जो कि 30 जून तक या जी-सोनी मर्जर पूरा होने के 7 दिन के अंदर चुका दिया जाएगा.
वकीलों ने NCLAT को बताया कि एग्रीमेंट के तहत कुछ पेमेंट पहले ही किए जा चुके हैं.
योजना के रास्ते में आने वाले इस मुकदमे के बिना सोनी विलय योजना पर विचार किया जा सकता है. इंडसइंड अब जी की सोनी के साथ विलय योजना पर अपनी आपत्तियों को वापस लेगा. इस सेटलमेंट एग्रीमेंट में समाप्ति के परिणामों (consequences of termination) पर एक क्लॉज भी शामिल है. ट्रिब्यूनल इस मामले की सुनवाई 3 जुलाई को करेगा.
NCLTमुंबई ने 22 फरवरी को इंडसइंड बैंक की ओर से दाखिल एक याचिका में ZEEL के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को स्वीकार किया था. एस्सेल ग्रुप के सिटी नेटवर्क्स को इंडसइंड बैंक के 150 करोड़ रुपये के लोन के लिए जी (Zee) गारंटर था, हालांकि, ये डेट सर्विस रिजर्व अकाउंट गारंटी समझौते (DSRA) को डिफॉल्ट कर गया, पेमेंट में 83 करोड़ रुपये की कमी रह गई थी. इस मामले में कार्यवाही शुरू की गई क्योंकि Zee इसमें गारंटर था, इसलिए इंडसइंड बैंक ने Zee के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया चलाने की अपील की.
इसके खिलाफ जी के CEO पुनीत गोयनका ने NCLAT से कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया पर राहत की मांग की. फरवरी में, NCLAT ने जी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के निर्देश देने वाले आदेश पर रोक लगा दी थी.