कोविड-19 (Covid-19) के दौरान जब सारी दुनिया थमी हुई थी, वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) के नए कल्चर में लोग ढलने की कोशिश कर रहे थे, ठीक उसी वक्त रिटेल निवेशक बड़ी संख्या में शेयर बाजार में निवेश कर रहे थे.
स्टॉक ब्रोकिंग फर्म जीरोधा (Zerodha) के फाउंडर और CEO नितिन कामत (Nithin Kamath) ने जानकारी दी कि बीते 4 साल में इक्विटी निवेशकों को कुल 50 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. इसके साथ ही, वो इस वक्त 1 लाख करोड़ रुपये के मुनाफे पर बैठे हुए हैं. ये पैसा अभी अनरियलाइज्ड फॉर्म में है, यानी निवेशकों ने अभी शेयर बाजार से ये पैसा नहीं निकाला है.
एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी निवेशकों ने अपने जीरोधा अकाउंट में 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का पैसा डाल रखा है. कामत के मुताबिक, जितना AUM अभी जीरोधा के पास है, उसमें से अधिकतर बीते 4 साल में निवेश किया गया है.
जीरोधा निवेशक 4.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का AUM अपने डीमैट अकाउंट में रखा है.
कोविड के दौरान शेयर बाजार ने भारी उतार-चढ़ाव देखा. 2 मार्च 2020 को सेंसेक्स 38,623.70 पर बंद हुआ था, वहीं 23 मार्च 2020 को ये 25,880.83 के निचले स्तर तक पहुंचा. यानी महज 14 ट्रेडिंग सेशन में करीब 33% की गिरावट.
घर बैठे रिटेल निवेशकों को इसी दौरान निवेश का चस्का चढ़ा. म्यूचुअल फंड, ETF, शेयर खरीदने से लेकर सभी तरीकों से शेयर बाजार में इसके बाद बड़ा निवेश देखने को मिला. 23 मार्च 2020 को 25,880.83 का इंट्राडे लो बना चुका सेंसेक्स 4 साल में 77,000 के लेवल को पार कर गया.
म्यूचुअल फंड के आंकड़ों को देखें, तो 31 मार्च 2020 तक म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास कुल 22.26 लाख करोड़ रुपये का कुल AUM था. ये 31 मार्च 2024 तक बढ़कर 53.4 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया.
AMFI के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश मई में करीब दोगुना हुआ है. अप्रैल में 18,917.1 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में आया था, जो कि मई में 34,697 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. यानी निवेश में 83.41% का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इसमें स्मॉलकैप, मिडकैप और लार्जकैप स्कीम्स में बढ़े निवेश का बड़ा योगदान है.