चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में HDFC बैंक ने 16,821 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. हायर नेट इंटरेस्ट की बदौलत बैंक का प्रॉफिट बढ़ा. इससे सितंबर क्वार्टर में नेट प्रॉफिट शुद्ध मुनाफे में 5% की बढ़ोतरी (YoY) हुई.
एनालिस्ट का अनुमान था कि HDFC बैंक को 16,000 करोड़ रुपये का मुनाफा हो सकता है, लेकिन बैंक ने अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया.
नेट प्रॉफिट 15,976 करोड़ रुपये से 5% बढ़कर 16,821 करोड़ रुपये
नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) ₹27,385 करोड़ से 10% बढ़कर ₹27,385 करोड़
ग्रॉस NPA 1.33% से बढ़कर 1.36% हो गया
नेट NPA 0.39% से बढ़कर 0.41% हो गया
बैंक ने बताया कि उसकी नेट इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार पर 10% बढ़कर 30,114 करोड़ रुपये हो गई. एसेट क्वालिटी में मामूली गिरावट की वजह से प्रॉफिट (PAT) को थोड़ा कम कर दिया.
बैंक के लिए कोर नेट इंटरेस्ट मार्जिन 3.46% और इंटरेस्ट अर्निंग एसेट के आधार पर 3.65% था. जून तिमाही में दोनों आंकड़े 3.5% और 3.7% थे.
HDFC बैंक का सकल एडवांसेज सालाना आधार पर 7% बढ़कर 25.2 लाख करोड़ रुपये हो गया. रिटेल लोन में 11.3% की बढ़ोतरी हुई.
कमर्शियल और ग्रामीण बैंकिंग लोन में 17.4% की बढ़ोतरी हुई, जबकि व्होलसेल लोन में 12% की बढ़ोतरी हुई.
कुल जमा (Deposits) पिछले साल से 15% बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये हो गया. 30 सितंबर तक चालू खाता और बचत खाता का डिपॉजिट, कुल डिपॉजिट का 35.3% था.
दूसरी तिमाही के रिजल्ट्स पर बात करते हुए HDFC बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा, 'ऐतिहासिक रूप से, हमारी इन्क्रीमेंटल डिपॉजिट शेयर 15-18% रही है... डिपॉजिट में तिमाही-दर-तिमाही बढ़ोतरी हो रही है. हमारी हमेशा से कोशिश रही है कि बाजार में जो उपलब्ध है, उसे हम कैप्चर करें.' HDFC बैंक ने हाल ही में जो एसेट सेल की, उसको लेकर CFO वैद्यनाथन ने कहा कि ये हमारी रणनीति का एक हिस्सा था.