FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी नेस्ले इंडिया ने (Nestle India Ltd.) तीसरी तिमाही में अनुमान से बेहतर नतीजे पेश किए हैं. कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 37.28% बढ़कर 908.08 करोड़ रुपये (YoY) रहा है. ब्लूमबर्ग एनालिस्ट्स का अनुमान 792.2 करोड़ रुपये था. पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 661.4 करोड़ रुपये रहा था.
इस तिमाही में कंपनी ने वन-टाइम गेन दिखाया है, जो कि 106.4 करोड़ रुपये का है.
रेवेन्यू 9.45% बढ़कर 5036.82 करोड़ रुपये रहा (ब्लूमबर्ग का अनुमान 5,125.9 करोड़ रुपये)
ऑपरेटिंग प्रॉफिट 21.98% बढ़कर 1224.87 करोड़ रुपये (ब्लूमबर्ग का अनुमान 1,212.1 करोड़ रुपये)
मार्जिन 21.8% से बढ़कर 24.3% रहा (ब्लूमबर्ग का अनुमान 23.6%)
उपभोग की गई सामग्रियों की लागत 1.8% गिरकर 1917.3 करोड़ रुपये रही. बिक्री के प्रतिशत के रूप में इसमें कमी आई है.
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश नारायणन ने कहा, हमने 5,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर पार कर लिया है, जो कंपनी के इतिहास में किसी भी तिमाही में हमारा पहला और हमारे लिए एक मील का पत्थर है. इस तिमाही में नेस्ले इंडिया की घरेलू बिक्री एक साल पहले की तुलना में 10.3% बढ़कर 4,823.7 करोड़ रुपये हो गई, जबकि एक्सपोर्ट 10.6% बढ़कर 205.5 करोड़ रुपये हो गया.
कंपनी के बोर्ड ने पहली बार 1 शेयर को 10 में बांटने के लिए स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दी. इसके अलावा नेस्ले के बोर्ड ने 10 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के फेस वैल्यू के साथ 140 रुपये का दूसरा अंतरिम डिविडेंड देने का भी ऐलान किया है, जिसकी वैल्यू 2023 के लिए 1,349.8 करोड़ रुपये है, जिसका भुगतान 16 नवंबर को किया जाएगा. ये उस 27 रुपये के अंतरिम डिविडेंड के अतिरिक्त है जिसका भुगतान 8 मई को किया गया था.