UBS ने भारत के प्रॉपर्टी मार्केट की कवरेज शुरू कर दी है, UBS ने रियल एस्टेट सेक्टर की आशाजनक ग्रोथ का अनुमान लगाया है.
UBS ने प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स और DLF के लिए 'BUY' रेटिंग दी है. कंपनियों की मजबूत क्षमता और बैलेंसशीट के आधार पर ब्रोकरेज फर्म इन शेयरों को खरीदने की सलाह दे रहा है.
USB ने अपनी हालिया रिसर्च रिपोर्ट 'Sustainable Upcycle Driven by Multiple Tailwinds' में अगले तीन से पांच साल तक रियल्टी सेक्टर में जारी तेजी को बनाए रखने के लिए फैक्टर्स का जिक्र किया है. UBS के मुताबिक FY24 से FY29 तक भारतीय हाउसिंग मार्केट की प्री-सेल्स 15% की अनुमानित CAGR के साथ बढ़ने वाली है.
कम इन्वेंट्री: इन्वेंट्री लेवल 15 साल में सबसे कम है.
खरीदने की मजबूत क्षमता: घरों की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद खरीद क्षमता 2010 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर बनी हुई है.
रेगुलेशन में सुधार: RERA जैसी नीतियों ने पारदर्शिता और होमबायर्स के विश्वास को बढ़ाया है.
बढ़ती आबादी: शहरों के बढ़ते विकास, समृद्धि और न्यूक्लियर फैमिली के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए घरों की मांग में लगातार बढ़ोतरी
UBS ने DLF के शेयरों पर 1,005 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. जो की मौजूदा मार्केट प्राइस से 19% की बढ़त दिखाता है. ब्रोकरेज ने प्रेस्टीज एस्टेट्स के लिए 2,175 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है. जो मौजूदा बाजार मूल्य से 26% की बढ़त है. ओबेरॉय रियल्टी को न्यूट्रल रेटिंग मिली है. कंपनी को फर्म ने 2,230 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है. जो 9% की बढ़त को दिखाता है.
UBS का मानना है कि, कोविड-19 महामारी के पूरी तरह से खत्म होने के बाद कमर्शियल रियल एस्टेट सेगमेंट ने वापसी की है. वर्क फ्रॉम होम के चलन में फिर से उछाल के साथ ब्रोकरेज फर्म ने FY 24 से FY29 के टॉपलाइन में 26% CAGR की मजबूत बढ़ोतरी की भविष्यवाणी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, मजबूत बैलेंस शीट वाले डेवलपर्स इस हाई मार्जिन सेगमेंट से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में हैं.
UBS ने इकोनॉमी की स्थितियों के कारण भविष्य में रियल्टी सेक्टर में कुछ नरमी आने की आशंका जाहिर की है. लेकिन उसने निवेशकों को सलाह दी है कि वे ऐसी गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखें.