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10 Years Of 'Make In India': डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड; ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए भारत के पास हर चीज मौजूद: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' इनीशिएटिव के 10 साल पूरे होने पर एक लेख लिखा है. इसमें प्रधानमंत्री ने बीते दशक में भारत में मैन्युफैक्चरिंग तेज करने से जुड़ी उपलब्धियों को बताया है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:01 PM IST, 25 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' इनीशिएटिव के 10 साल पूरे होने पर एक लेख लिखा है. इसमें प्रधानमंत्री ने बीते दशक में भारत में मैन्युफैक्चरिंग तेज करने से जुड़ी उपलब्धियों को बताया है, साथ ही इस कार्यक्रम को और मजबूत बनाने के लिए युवाओं से साथ आने की अपील की है. आगे पढ़ें प्रधानमंत्री मोदी का लेख:

'मेक इन इंडिया' इनीशिएटिव आज 10 साल का हो गया.

आज इस इनीशिएटिव को सफल बनाने में योगदान देने वाले आप सभी लोगों को सैल्यूट करने का दिन है. आपमें से हर कोई पायनियर, विजनरी और इनोवेटर है, जिनके अथक प्रयासों से मेक इन इंडिया की सफलता को बल मिला है. इससे हमारा देश वैश्विक आकर्षण और उत्सुकता का केंद्र बन गया. ये सामूहिक सतत प्रयास है, जिसने एक सपने को ताकतवर आंदोलन में बदल दिया. मेक इन इंडिया का प्रभाव बताता है कि भारत अब रुकने वाला नहीं है.

ये ऐसा प्रयास था, जो 10 साल पहले मैन्युफैक्चरिंग में भारत की क्षमता बढ़ाने के एक महत्वकांक्षी सपने के साथ शुरू हुआ था, ताकि ये सुनिश्चित हो पाए कि हमारे जैसा प्रतिभावान देश सिर्फ आयातक बनकर ना रह जाए, बल्कि निर्यातक भी बने.

बीते दशक पर नजर डालता हूं तो मैं गर्व के भाव से भर जाता हूं कि कैसे 140 करोड़ भारतीयों की क्षमता और ताकत हमें कहां लेकर आ गई है. मेक इन इंडिया की छाप सभी सेक्टर में देखी जा सकती है. इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां हमने कभी अपना प्रभाव बनाने का सपना तक नहीं देखा था. मैं यहां आपको दो उदाहरण देता हूं.

मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग... हम जानते हैं कि मोबाइल फोन आज कितने अहम हो चुके हैं, लेकिन चौंकाने वाला तथ्य ये है कि 2014 में पूरे देश में सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थीं. आज ये संख्या 200 से ऊपर पहुंच चुकी है. हमारा मोबाइल एक्सपोर्ट 1,556 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. ये 7,500% का जबरदस्त उछाल है! आज भारत में इस्तेमाल किए जाने वाले 99% मोबाइल फोन मेड इन इंडिया हैं. हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन चुके हैं.

हमारी स्टील इंडस्ट्री को देखिए- हम फिनिश्ड स्टील के नेट एक्सपोर्टर बन चुके हैं. 2014 के बाद से प्रोडक्शन 50% बढ़ चुका है. हमारे सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश को आकर्षित किया है, इस सेक्टर में 5 प्लांट अप्रूव हैं, जिनकी कुल क्षमता 7 करोड़ चिप्स/दिन है.

रिन्युएबल एनर्जी में हम दुनिया के चौथे सबसे बड़े उत्पादक हैं. हमारी क्षमता एक दशक में ही 400% बढ़ गई है. हमारी इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री, जिसका 2014 में लगभग कोई अस्तित्व ही नहीं था, वो आज 3 बिलियन डॉलर की है.

डिफेंस प्रोडक्शन एक्सपोर्ट 1000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गए हैं और आज इनकी पहुंच 85 देशों तक है.

एक 'मन की बात' प्रोग्राम में मैंने खिलौने उद्योग की जरूरत की चर्चा की थी और हमारे लोगों ने बताया कि ये कैसे होता है! बीते सालों में हमने देखा कि खिलौनों का निर्यात 233% बढ़ गया, जबकि आयात आधा हो गया, इससे हमारे स्थानीय उत्पादकों और विक्रेताओं को मदद मिली, फिर छोटे बच्चों को तो मिली ही :)

आज के भारत के कई आइकॉन, जैसे वंदे भारत ट्रेन, ब्राह्मोस मिसाइल और मोबाइल फोन, इन सब पर आज मेक इन इंडिया का लेबल लगा हुआ है. इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर स्पेस सेक्टर तक, ये भारत की गुणवत्ता और प्रतिभा का प्रतिनिधित्व करते हैं.

मेक इन इंडिया इनीशिएटिव खास है, क्योंकि इसने गरीबों को बड़े सपने देखने और उनकी चाहत रखने के लिए पंख दिए हैं, इसने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे भी वेल्थ क्रिएटर्स बन सकते हैं. MSME सेक्टर पर भी इसका प्रभाव उल्लेखनीय है.

एक सरकार के तौर पर हम इस भावना को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारा इतिहास भी इसकी गवाही देता है. PLI स्कीम गेम चेंजर साबित हुई है, इसके चलते हजारों करोड़ रुपये का निवेश आया, जिससे लाखों नौकरियां पैदा हुईं. हमने बिजनेस करने की सुलभता में भी काफी तरक्की की है.

आज भारत के पक्ष में काफी चीजें हैं- हम डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डिमांड तीनों का बढ़िया मिश्रण हैं. हमारे पास वो सारी चीजें हैं, जो ग्लोबल सप्लाई चेन में अहम प्लेयर बनने, जिसे भरोसे की नजर से देखा जाए, उसके लिए सभी जरूरी चीजें मौजूद हैं. हमारे पास सबसे अभूतपूर्व युवा शक्ति है, जिसकी स्टार्टअप में सफलता दुनिया देख सकती है.

इसलिए लहर स्पष्ट तौर पर भारत के पक्ष में दिखाई दे रही है. वैश्विक महामारी जैसी अभूतपूर्व चुनौतियां झेलने के बाद भी भारत विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. मैं मेक इन इंडिया को नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए हमारे युवा साथियों से साथ आने की अपील करता हूं. हम सभी को उत्कृष्टता की कोशिश करनी चाहिए. गुणवत्ता उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए. जीरो डिफेक्ट हमारा मंत्र होना चाहिए.

एक साथ आकर हम ऐसे भारत का निर्माण जारी रख सकते हैं, जो ना केवल अपनी जरूरतों को पूरा करे, बल्कि दुनिया के मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन पावरहाउस के तौर पर भी काम करे.

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