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दिल्‍ली की बसों में दिन ढलते ही सफर करने में क्‍यों लगता है 77% महिलाओं को डर? ग्रीनपीस की रिपोर्ट में कई खुलासे

पिंक टिकट स्‍कीम के तहत, महिलाओं को दिल्ली की सरकारी बसों में सफर करने के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:53 PM IST, 30 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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दिल्ली में सरकारी बसों में फ्री ट्रैवल करने की सुविधा महिलाओं के लिए बड़ी आर्थिक राहत तो साबित हुई है, लेकिन सुरक्षा के स्‍तर पर स्थिति बहुत खराब है. यहां दिन ढलने के बाद हर 4 में से 3 महिलाओं को दिल्‍ली की बसों में सफर करते हुए डर लगता है.

'राइडिंग द जस्टिस रूट' नाम से जारी ग्रीनपीस इंडिया की लेटेस्‍ट रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है. बता दें कि दिल्ली सरकार की किराया-मुक्त बस यात्रा योजना (Fare-Free Bus Travel Scheme) ने महिलाओं को जारी की गईं 100 करोड़ ‘पिंक’ टिकटों का आंकड़ा पार कर लिया है.

शाम होते ही लगने लगता है डर 

रिपोर्ट कहती है कि ज्‍यादातर महिलाएं रात में दिल्ली की बसों में यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं. सर्वे में शामिल 75% महिलाओं ने ये भी माना कि 'पिंक टिकट' योजना से उनके काफी पैसे बचे हैं. कई महिलाओं ने इस बचत को घरेलू जरूरतों, स्‍वास्‍थ्‍य या फिर इमरजेंसी में इस्‍तेमाल किया है.

सर्वे में शामिल 25% महिलाओं ने सरकारीसरकारी बसों का इस्‍तेमाल करना बढ़ा दिया है. महिलाएं जो पहले बसों से बचती थीं, अक्टूबर 2019 में इस योजना के शुरू होने के बाद से नियमित तौर पर बस का इस्‍तेमाल करने लगी हैं.

रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि सुरक्षा को लेकर चिंताएं बरकरार है, 77% महिलाओं का मानना है कि रात के समय बसों में सफर करते समय उन्हें असुरक्षित महसूस होता है.

पिंक टिकट योजना ने दिल्ली में महिलाओं को बड़ी राहत दी है, लेकिन इसे वास्तव में परिवर्तनकारी बनाने के लिए, बेड़े का विस्तार करने के साथ-साथ, सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सर्वसुलभ बनाने के लिए अच्छी तरह से जुड़ी सर्विसेंज सुनिश्चित करना जरूरी है.
आकिज फारूक, कैंपेनर, ग्रीनपीस इंडिया

बता दें कि 'पिंक टिकट' योजना के तहत, किसी भी महिला को दिल्ली की सरकारी बसों में सफर करने के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. हालांकि वे चाहें तो टिकट खरीदने का विकल्प उनके पास है.

क्‍यों लगता है महिलाओं को डर?

रिपोर्ट में बताया गया है कि खराब रोशनी और बसों के कम टाइम-टेबल के चलते अंधेरे के बाद बसों में असुरक्षित महसूस करती हैं. कई महिलाओं ने उत्पीड़न की घटनाओं की भी रिपोर्ट की है, खासकर भीड़भाड़ वाली बसों में उनके साथ उत्‍पीड़न हुआ है या उत्‍पीड़न की कोशिश हुई.

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पिंक टिकट स्‍कीम ने निजी वाहनों की तुलना में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्‍तेमाल को प्रोत्साहित किया है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी योगदान दिया है.

ग्रीनपीस इंडिया ने देश भर में सुरक्षित और ज्‍यादा सस्‍टेनेबल शहरों के विकास के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार के साथ-साथ महिलाओं और ट्रांसजेंडर लोगों के लिए किराया-मुक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा की वकालत की है.

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