पूरा देश 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है, PM मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुके जलवायु परिवर्तन और उसके खतरों की ओर ध्यान खींचा, उन्होंने इस दिशा में भारत की ओर से किए जा रहे कामों, उपलब्धियों का जिक्र किया और देश के सामने भविष्य के लक्ष्यों का भी खाका रखा.
PM ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि 'आज विश्व के अंदर ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन हर क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन चुका है. भारत ने उस दिशा में काफी कदम उठाए हैं, हम दुनिया को आश्वस्त करते रहे हैं, लेकिन शब्दों से नहीं बल्कि अपने किए गए कामों और परिणामों से. हमने विश्व को आश्वस्त भी किया है और आश्चर्यचकित भी किया है.
PM मोदी ने कहा कि हम ही हैं, जिन्होंने सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है. हमने रीन्युएबल एनर्जी पर विस्तार किया है. हमने रीन्युएबल एनर्जी को नई ताकत दी है. PM मोदी ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में हम नेट जीरो फ्यूचर की ओर आगे बढ़ रहे हैं.
PM मोदी ने पेरिस समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि जिन देशों ने अपने लक्ष्य निर्धारित किए थे, G20 देश जो नहीं कर पाए वो मेरे देश के नागरिकों ने कर दिखाया है. पेरिस समझौते में जो लक्ष्य तय किए गए थे, उनको समय से पहले पूरा करने वाला G20 देशों में अगर कोई है तो इकलौता भारत ही है.
PM मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि देश साल 2030 तक रीन्युएबल एनर्जी को 500GW तक ले जाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आप ये सोच सकते हैं कि ये कितना बड़ा लक्ष्य है, दुनिया के लोग 500GW शब्द सुनकर मेरी तरफ आश्चर्य से देखते हैं, लेकिन हम इस लक्ष्य को पूरा करके रहेंगे. ये मानवजाति, हमारे भविष्य, हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य की गारंटी बनेगा. हम 2030 तक रेलवे को भी नेट जीरो एमिशन बनाने के लक्ष्य के साथ चल रहे हैं
उन्होंने PM सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना का भी जिक्र किया और बताया कि इसका फायदा मेरे देश के सामान्य परिवार को मिला है, इसका फायदा खासतौर पर मध्यमवर्ग को भी मिलेगा, जब उसकी बिजली मुफ्त हो जाएगी. इलेक्ट्रिकल व्हीकल की मांग बढ़ती जा रही है, PM सूर्यघर योजना से वो अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग पर होने वाला खर्च भी कम कर सकता है.
PM मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन के भविष्य पर भी अपने भाषण में चर्चा की, उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के जरिए ग्लोबल हब बनना चाहते हैं, बहुत तेजी से नीतियां बनाई गई हैं, बहुत तेजी से इसे लागू करने पर काम चल रहा है. भारत ग्रीन हाइड्रोजन के जरिए एक नई ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है.
उन्होंने कहा कि ये सारी कोशिशें क्लाइमेट और ग्लोबल वॉर्मिंग की चिंता तो है, लेकिन इसके अंदर ग्रीन जॉब्स की भी बहुत बड़ी संभावनाएं हैं. इसलिए आने वाले कालखंड में ग्रीन जॉब्स का महत्व बढ़ता है तो ये हमारे देश के युवाओं के लिए मौका होगा.
इंटरनेशनल रीन्युएबल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक - भारत इस वक्त रीन्युएबल एनर्जी के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है, विंड पावर एनर्जी में भी भारत का स्थान चौथा है और सोलर एनर्जी कैपिसिटी में भारत 5वें नंबर पर है. भारत के रीन्युएबल एनर्जी मंत्रालय के मुताबिक फरवरी 2024 तक भारत रीन्युएबल एनर्जी क्षमता 180GW से ज्यादा है.