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8th Pay Commission: फिटमेंट फैक्टर और ToR से कितनी बढ़ जाएगी आपकी सैलरी, देखिए कैलकुलेशन

7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसकी वजह से न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी01:14 PM IST, 30 May 2025NDTV Profit हिंदी
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8th Pay Commission: सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान तो कर दिया, लेकिन अभी तक आयोग के सदस्यों और इसके चेयरमैन को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि सरकार जल्द से जल्द फिटमेंट फैक्टर, टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) का ऐलान करे, ताकि ये पता चल सके कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी.

फिटमेंट फैक्टर, विशेष रूप से, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन को संशोधित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मल्टीप्लीकेशन यूनिट है. 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसकी वजह से न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया.

कितना हो सकता है फिटमेंट फैक्टर

नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के एक सदस्य ने नाम नहीं बताने की शर्त पर NDTV प्रॉफिट को बताया, 'हम 8वें वेतन आयोग के लिए संदर्भ शर्तों के मंजूर होने का इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद हम इनके लिए अपनी मांग (फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन) को लेकर आगे बढ़ेंगे. NC-JCM एक ऑफिशियल बॉडी है, जिसमें ब्यूरोक्रेट्स और कर्मचारी संघ के नेता शामिल हैं और इसका मकसद सरकार और कर्मचारियों के बीच सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना है.

NC-JCM के एक अन्य सदस्य ने कहा कि एक बार जब टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी ToR को मंजूरी मिल जाएगी, तो कर्मचारी पक्ष का ध्यान 8वें वेतन आयोग के सामने रखी जाने वाली अपनी मांगों पर केंद्रित हो जाएगा, और सबसे जरूरी मांग फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन से जुड़ी होगी. दोनों व्यक्तियों ने फिटमेंट फैक्टर की किसी सीमा को बताने से इनकार कर दिया, जिसके बारे में वे 8वें वेतन आयोग से सिफारिश करने की उम्मीद कर रहे हैं.

पैनल के साथ चर्चा के दौरान कर्मचारी यूनियनों की ओर से मांगे जाने वाले फिटमेंट फैक्टर को लेकर महीनों से अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ यूनियन नेताओं ने 2.57-2.86 तक के फिटमेंट फैक्टर की मांग करने की बात कही थी, लेकिन पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने जनवरी में कहा था कि ऐसी मांग स्वीकार किए जाने की उम्मीद नहीं है. उनके मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आसपास हो सकता है. इस साल की शुरुआत में कुछ हितधारकों ने "कम से कम 36,000 रुपये" का न्यूनतम वेतन मांगने की बात भी कही थी, जिससे संकेत मिलता है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.0 रखने की मांग की जा सकती है

खपत की जरूरत यूनिट '5' की जाए

NC-JCM ने जनवरी में ड्राफ्ट टर्म्स ऑफ रेफरेंस 8वें वेतन आयोग के लिए दिया था. फोरम ने कहा कि आयोग को किसी कर्मचारी का न्यूनतम वेतन निर्धारित करने के लिए मौजूदा तीन के बजाय 'पांच यूनिट' की खपत जरूरत पर विचार करना चाहिए.

सातवें वेतन आयोग के तहत - जो 15वें भारतीय लेबर कॉन्फ्रेंस की ओर से तय किए गए नियमों पर चलता है, न्यूनतम वेतन 'तीन यूनिट' की 'खपत जरूरतों' के आधार पर तय किया जाता है. एक परिवार के कमाने वाले पति को एक यूनिट के रूप में गिना जाता था, उसकी पत्नी को 0.8 यूनिट के रूप में गिना जाता था और दो बच्चों को 0.6 यूनिट के रूप में गिना जाता था.

हालांकि, NC-JCM के कर्मचारी पक्ष ने तर्क दिया कि बूढ़े माता-पिता की देखभाल करना, माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2022 के तहत एक नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है, और इसलिए, परिवार इकाइयों को तीन इकाइयों के रूप में नहीं बल्कि पांच के रूप में गिना जाना चाहिए.

अव्यवहार्य वेतनमानों का विलय

इसके अलावा, फोरम ने वेतन में स्थिरता के मुद्दे को हल करने के लिए अव्यवहार्य वेतनमानों (unviable pay scales) के विलय की मांग की है, जो अप्रत्यक्ष रूप से मॉडिफाइड एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम को प्रभावित करते हैं. फोरम ने वेतनमान स्तर 1 को स्तर 2 के साथ, स्तर 3 को स्तर 4 के साथ और स्तर 5 को स्तर 6 के साथ विलय करने की मांग की है.

फोरम ने महंगाई भत्ते के 50% को मूल वेतन में मिलाने की अपनी मांग भी दोहराई है. वर्तमान में, मार्च में घोषित 2% की बढ़ोतरी के बाद, DA मूल वेतन का 55% है.

8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन ToR को अंतिम रूप दिए जाने के बाद होने की उम्मीद है. इसके गठन का इंतजार 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स को है. आजादी के बाद से अब तक सात वेतन आयोगों का गठन हो चुका है. पिछला वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और वित्त वर्ष 2017 में इसका सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित असर पड़ा था.

कितनी बढ़ेगी सैलरी

2016 में आए 7वें वेतन आयोग ने पुरानी ग्रेड-पे प्रणाली की जगह पे मैट्रिक्स नामक नई प्रणाली लागू की. इसमें वेतन को लेवल 1 से 18 तक के पदों के आधार पर बांटा जाता है

लेवल 1: चपरासी, क्लर्क, MTS जैसे शुरुआती पद

लेवल 18: कैबिनेट सचिव जैसे ऊंचे पद

8वें वेतन आयोग में लेवल-1 के कर्मचारी की सैलरी कितनी बढ़ सकती है. इस बार उम्मीद है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है. अगर हम इसे 1.92 मान लें तो मौजूदा सैलरी बढ़कर इतनी हो सकती है.

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