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'नोबेल शांति पुरस्‍कार के हकदार हैं प्रधानमंत्री मोदी', दिग्‍गज निवेशक मार्क मोबियस ने वजह भी बताई

मार्क मोबियस ने कहा कि उथल-पुथल भरी इस दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी विशेषकर पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक शांतिदूत बन सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी10:02 PM IST, 12 Nov 2024NDTV Profit हिंदी
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दिग्‍गज निवेशक और मोबियस इमर्जिंग ऑपर्च्युनिटीज फंड के चेयरमैन मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्‍कार दिए जाने की वकालत की है. मंगलवार को न्यूज एजेंसी IANS के साथ एक्‍सक्‍लूसिव बातचीत में उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक स्तर पर सभी राजनीतिक पक्षों के साथ बात करने में सक्षम हैं और अपनी इन कोशिशों के लिए वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं. 

88 वर्षीय ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर मार्क मोबियस ने इस बातचीत के दौरान कहा कि उथल-पुथल भरी इस दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विशेषकर पश्चिम एशिया और रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक शांतिदूत बन सकते हैं. 

PM मोदी को बताया महान नेता 

मोबियस ने PM मोदी को महान नेता बताते हुए कहा कि PM एक अच्छे इंसान भी हैं. मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी भूमिका तेजी से बढ़ने वाली है. उनके पास सभी राजनीतिक पक्षकारों से बात करने की क्षमता है. आने वाले समय में PM मोदी दुनिया में महत्वपूर्ण शांतिदूत बन सकते हैं.

हमारे बीच समान बात 'आगे की ओर देखना है, न कि पीछे'. साथ ही विश्व स्तर पर जो हो रहा है, उसके बारे में अधिक आशावादी होना भी है.'
मार्क मोबियस (PM मोदी और उनमें समानता के सवाल पर)

क्‍यों भारत है सम्‍मान का हकदार?

मोबियस ने बातचीत के दौरान कहा कि भारत में सभी देशों के साथ न्यूट्रल रहने की क्षमता है. भारत की ये क्षमता उसे वैश्विक स्तर पर शांति के लिए मध्यस्थ बनने में उपयुक्त बनाती है. दिग्गज निवेशक ने आगे कहा कि PM मोदी आज दुनिया में एक प्रमुख मध्यस्थ बनने के लिए बहुत योग्य हैं.

रूस-यूक्रेन संघर्ष में तटस्थ देखे जाने के बावजूद PM मोदी ने शांति के समर्थक के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि करते हुए लगातार शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है. अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा, 1992 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा थी, जो कि युद्धग्रस्त क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने में भारत की सक्रिय भागीदारी दिखाती है.

मोबियस को भारत की ग्रोथ स्‍टोरी पर भी पूरा भरोसा

मार्क मोबियस, भारत में निवेश की सलाह देते रहे हैं. उनके एक फॉर्मूले का जिक्र तो प्रधानमंत्री मोदी ने भी NDTV वर्ल्‍ड समिट में किया था. दरअसल, पिछले दिनों एक कार्यक्रम में इन्‍वेस्‍टमेंट के लिए 50:50 फॉर्मूले का जिक्र किया था. उन्‍होंने अगले 6 महीने, 1 साल और 3 साल से ज्यादा समय के लिए अमेरिका और भारत में 50:50 इनवेस्टमेंट करने का आइडिया शेयर किया था.

मोबियस ने कहा था, 'बेशक समय के साथ स्थितियां भी बदलेंगी और ऐसा समय आ सकता है जब चीन या अन्य देशों में भी आकर्षक मौके बनने लगेंगे. लेकिन मुझे लगता है कि ये याद रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ शॉर्ट टर्म के लिए नहीं है. ये एक लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट है, जो कई वर्षों तक चलता रहेगा. इसलिए भारत में निवेश करना चाहिए.'

PM ने की थी मोबियस के सुझाव की सराहना

NDTV वर्ल्‍ड समिट में मोबियस के फॉर्मूले और टिप्पणी का जिक्र PM मोदी ने किया था. PM मोदी ने कहा था, 'मार्क मोबियस उन लोगों में से एक हैं, जो भारत से प्रेम करते हैं. यहां मौजूद अवसरों के बारे में उनका उत्‍साह काफी कुछ संदेश देता है.'

देश की ग्रोथ क्षमता के बारे में मोबियस के उत्साह पर जोर देते हुए उन्‍होंने कहा था, 'मार्क मोबियस जिस प्रकार भारत में होने वाले इन्वेस्टमेंट को लेकर उत्साहित हैं, उसका बहुत बड़ा महत्व है. वो जब ग्लोबल फंड्स को कहते हैं कि अपना कम से कम 50% फंड भारत के शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करें, तो इसमें बहुत बड़ा मैसेज है.'

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