भारत सरकार ने घरेलू रसोई गैस की कीमतों में कटौती की, जिसकी वजह से महंगाई में कमी आ सकती है, लेकिन ये राहतों का सिलसिला यहीं नहीं रुकने वाला है, सिटीग्रुप का अनुमान है कि आने वाले त्योहारों और इस साल कई चुनावों से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी राहत दी जा सकती है.
अर्थशास्त्री समीरन चक्रवर्ती और बकर एम जैदी ने एक नोट में कहा कि LPG कीमतों में कटौती के सरकार के फैसले से महंगाई दर में लगभग 30 बेसिस प्वाइंट की कमी देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि टमाटर की कीमतों को घटाने के साथ साथ, भारत का ये नया कदम सितंबर में महंगाई दर को 6% से नीचे रख सकता है, इसकी संभावना अब बढ़ गई है.
भारत रिटेल कीमतों को कम करने के लिए बहुत तेजी से कदम उठा रहा है, जो मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण है, ये जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
भारत ने मंगलवार को 14.2 किलोग्राम वाले LPG सिलिंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती का ऐलान किया, जिससे लगभग 30 करोड़ उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली. खाद्य पदार्थों की कीमतें कम करने और घरेलू बजट को काबू में रखने के लिए भारत ने पहले ही चावल, गेहूं और प्याज जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों के एक्सपोर्ट पर सख्ती कर दी है.
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि "ग्रामीण अर्थव्यवस्था के तनाव और जनरल के-शेप की रिकवरी की पृष्ठभूमि में, रसोई गैस की कीमत में कमी कंज्यूमर सेंटीमेंट के लिए सकारात्मक हो सकती है.'
उन्होंने कहा कि 'देखने वाली मुख्य बात सितंबर में होगी कि क्या डिमांड और सप्लाई शॉर्टफॉल की वजह से प्याज की कीमतों में कोई बढ़ोतरी होगी.'
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कम से कम पांच राज्यों में इस साल की आखिरी तिमाही में चुनाव होंगे, इसके बाद 2024 की शुरुआत में लोकसभा के चुनाव होंगे. अर्थशास्त्रियों ने कहा कि महंगाई को काबू करने और ग्रामीण आय को बढ़ाने के लिए और अधिक राजकोषीय उपायों पर चर्चा हो सकती है.
दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल के बावजूद, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक साल से ज्यादा वक्त से नहीं बदली हैं. अर्थशास्त्रियों ने कहा कि ईंधन की लागत में किसी भी तरह की कटौती एक्साइज ड्यूटी में कटौती के जरिए की जानी चाहिए, जिसे चुनाव से पहले खारिज नहीं किया जा सकता है.