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रक्षा सौदों पर एयर चीफ मार्शल ने उठाए बेहद गंभीर सवाल, कहा- 'डील तो हुई डिलीवरी नहीं'

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि देरी ने कई प्रमुख परियोजनाओं पर असर डाला है. जिसमें तेजस Mk1A फाइटर एयरक्राफ्ट भी शामिल है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी03:42 PM IST, 29 May 2025NDTV Profit हिंदी
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भारत के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा खरीद परियोजनाओं में देरी पर चिंता जताई है. CCI में एक कार्यक्रम के दौरान एयर चीफ ने कहा, कई बार, कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत करते वक्त ही हमें ये पता होता है कि ये सिस्टम कभी भी समय पर नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि टाइमलाइन एक बड़ा मुद्दा है. मैं कोई एक भी योजना नहीं बता सकता हूं जो समय पर पूरी हुई हो. हम ऐसा वादा क्यों करें जो पूरा नहीं हो सकता है.

तेजस की डिलीवरी अबतक नहीं

वायुसेना प्रमुख ने रक्षा प्रणालियों में देरी के कई मामलों की ओर इशारा किया, खास तौर पर स्वदेशी परियोजनाओं से जुड़े मामलों की ओर उन्होंने ध्यान दिलाया. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम का हवाला देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तेजस Mk1A फाइटर जेट की डिलीवरी रुकी हुई है, जो फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 48,000 करोड़ रुपये में हुई है. ऑर्डर किए गए 83 विमानों में से अब तक एक भी विमान को हमें नहीं दिया गया है, जबकि इसकी डिलिवरी मार्च 2024 में शुरू होने वाली थी.

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि देरी ने कई प्रमुख परियोजनाओं पर असर डाला है. जिसमें तेजस Mk1A फाइटर एयरक्राफ्ट भी शामिल है, जो तीन साल पहले ऊंची कीमत पर हुए कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए जाने के बावजूद अभी तक डिलीवर नहीं हुआ है.

CII एनुअल बिजनेस समिट में एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, "तेजस Mk1 की डिलीवरी में देरी हो रही है. तेजस Mk2 का प्रोटोटाइप अभी तक रोल आउट नहीं हुआ है. स्टील्थ AMCA फाइटर का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है'. ये सारी बातें उन्होंने तब कही हैं, जब इसी शिखर सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

'उत्पादन ही नहीं, डिजाइनिंग के बारे में भी बात करनी होगी'

वायुसेना प्रमुख की ये टिप्पणियां ऐसे समय पर आईं हैं, जब वायुसेना सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत तेजी से स्वदेशीकरण और घरेलू क्षमता पर जोर दे रही है. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते, हमें डिजाइनिंग के बारे में भी बात करनी होगी. हमें सेना और इंडस्ट्री के बीच विश्वास की जरूरत है. हमें बहुत खुलापन दिखाने की जरूरत है. एक बार जब हम किसी चीज के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं, तो हमें उसे पूरा करना चाहिए. वायुसेना भारत में निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है.'

उन्होंने कहा कि हमें भविष्य के लिए तैयार होने के लिए अभी से तैयार रहना होगा. 10 साल में, हमें इंडस्ट्री से ज्यादा उत्पादन मिलेगा, लेकिन हमें जो चीज आज चाहिए, वो आज ही चाहिए. हमें जल्दी से जल्दी अपने कामों को एक साथ करने की ज़रूरत है. युद्ध हमारी सेनाओं को सशक्त बनाकर जीते जाते हैं.'

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