दिल्ली और आसपास के इलाके इन दिनों एयर पॉल्यूशन की चपेट में हैं. NCR की हवा दमघोंटू हो गई है. एयर क्वालिटी बिगड़ती जा रही है, AQI बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सोमवार की सुबह भी राजधानी में एयर क्वालिटी 'बेहद खराब' कैटगरी में रही. दिल्ली का औसत AQI 346 दर्ज किया गया, जबकि यहां के कई इलाकों में AQI, 400 के पार चला गया.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राष्ट्रीय राजधानी में शाम को भी धुंध छाए रहने का अनुमान जताया है. बता दें कि AQI 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’ और 401-500 को ‘गंभीर’ माना जाता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, आनंद विहार, अशोक विहार, अलीपुर, बवाना, जहांगीरपुरी, वजीरपुर, रोहिणी और RK पुरम सहित कम से कम आठ मौसम केंद्रों ने एयर क्वालिटी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की. शहर का AQI शनिवार और रविवार को भी बहुत खराब रहा था.
दिल्ली में खासतौर से कटाई के बाद अक्टूबर और नवंबर के दौरान प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए अक्सर हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है. इस बार फिर से दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण की एक वजह पराली जलाना माना जा रहा है. दिवाली पर हुई आतिशबाजी के बाद भी प्रदूषण बढ़ा.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में लगातार खराब होती आबोहवा के बीच पिछले दिनों अस्पतालों में सांस संबंधी मामलों में 30 से 40% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सांस रोग से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट्स ने कहा कि बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण के दुष्प्रभावों के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं. इस स्थिति में उन्होंने लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने और धूल के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी.