दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) से कड़े सवाल पूछे. GRAP की पाबंदियां लागू होने के बावजूद दिल्ली के 23 एंट्री प्वाइंट से ट्रकों की एंट्री होने पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई.
केंद्र ने स्कूल खोलने पर CAQM को फैसला लेने को कहा है. वहीं निर्माण गतिविधियां बंद होन तक राज्य सरकारों को मजदूरों को भत्ता देने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने दिल्ली में स्कूल खोलने का फैसला एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) पर छोड़ दिया है. कोर्ट ने कहा, 'CAQM मंगलवार तक तय करे कि स्कूल खुलेंगे या नहीं. CAQM स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के लिए राहत पर विचार करे, क्योंकि कुछ छात्रों को स्कूल और आंगनबाडी बंद होने से मिड डे मिल नहीं मिल रहा. बहुत स्कूलों में पढ़ाई के लिए ऑनलाइन फैसिलिटी नहीं है.'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि GRAP-IV के प्रावधान में ढील से पहले तक सभी राज्य सरकारें मजदूरों को भत्ता देंगी. कहा कि प्रतिबंधों की वजह से समाज के कई वर्ग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं. इसलिए अगले आदेशों तक सभी राज्य लेबर सेस फंड से निर्माण मजदूरों को निर्माण कार्य बंद रहने की अवधि तक भत्ता देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि मनाही के बावजूद भी बाहरी ट्रक राजधानी में कैसे घुस आए और इस बारे में उन्होंने पुलिस को विशेष निर्देश देने के लिए क्या कदम उठाए?
इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है और दिल्ली पुलिस उनके अधीन नहीं आती है. कोर्ट ने CAQM और केंद्र से भी पूछा कि क्या उन्होंने पुलिस को क्या कोई विशेष निर्देश दिए थे.
CAQM ने जवाब दिया कि इस बारे में आदेश जारी किए गए थे. उन्होंने 23 चेकिंग पोस्ट के लिए आदेश जारी किए हैं. फिर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बाकी क्षेत्रों में क्यों आदेश जारी नहीं किए गए.
कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को तैनात करने के लिए आप बाध्य थे, तो ऐसा क्यों नहीं किया. अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वो दिल्ली पुलिस आयुक्त से CAQM एक्ट के तहत दंडित करने के लिए कहने जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम आयोग को CAQM एक्ट की धारा 14 के तहत दिल्ली के आयुक्त पर मुकदमा चलाने का निर्देश देंगे.'
CAQM ने जवाब में कहा कि इनमें से सिर्फ 10 सड़कें 2 लेन से ज्यादा की हैं. वहां पर ट्रकों के प्रवेश की अनुमति नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'ये कहना कि अनुमति नहीं है और वहां कोई बैठकर इसकी निगरानी करे... दोनों में फर्क है. आपका काम वहां लोगों को तैनात करना और ये देखना था कि एक भी ट्रक प्रवेश न करे. 23 एंट्री प्वाइंट्स पर जैसे ही पुलिस कहती, वे स्वाभाविक रूप से कोई दूसरा रास्ता अपना लेते.'