भारत में निपाह वायरस (Nipah Virus) ने दस्तक दे दी है और केरल में इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. विभिन्न कदमों की जानकारी दी.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 11 सितंबर की रात से सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी. केरल के कोझिकोड में 7 पंचायतों के स्कूल और बैंक बंद करने का आदेश दिए गए हैं.
इससे पहले केरल में 2018 में इस वायरस की पुष्टि हुई थी. ये सुअर और चमगादड़ जैसे जानवरों या उनके फ्ल्युड से फैलता है. वायरस की पहचान पहली बार 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में लोगों के बीच बीमारी के प्रकोप के दौरान हुई थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है. कई बार ये खाने-पीने के जरिए और इंसानों से भी फैलता है.
निपाह का पहला मामला 1999 में देखने को मिला था, लेकिन अब तक ना तो इसके इलाज की कोई दवा है ना कोई वैक्सीन. अभी के लिए निपाह का इलाज सिर्फ और सिर्फ सावधानी ही है. अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो इस वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है, सबसे अहम चमगादड़ के संपर्क में आने से बचें.
कोरोना (Corona Virus) से निपाह वायरस की तुलना की जाए तो निपाह ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है, क्योंकि इसका ना कोई इलाज है और ना ही इसके इलाज के लिए कोई वैक्सीन अब तक बन पाई है. निपाह वायरस के लक्षण दो से तीन दिन में दिखने लगते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन स्थानों पर निपाह का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है वहां की यात्रा करने से बचना चाहिए. इसके अलावा बचाव के लिए हाथों को समय-समय पर धोते रहे और फलों-सब्जियों के सेवन से पहले उसे अच्छी तरह से साफ कर लें.
निपाह वायरस को लेकर राज्य सरकार ने स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया है. कई मरीजों की टेस्ट सैंपल की जांच की जा रही है.