साल का पहला दिन और किसानों के लिए सरकार की तरफ से कई अहम ऐलान किए गए हैं. किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आगे भी जारी रहेगी, केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में इस योजना को 2025-26 तक जारी रखने के लिए मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने इस स्कीम के लिए आवंटन बढ़ाकर 69,515.71 करोड़ रुपये कर दिया है.
ये किसानों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना है, कैबिनेट के फैसले से 2025-26 तक देश भर के किसानों के लिए गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के जोखिम कवरेज में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस योजना का फायदा देश के चार करोड़ किसानों को होगा.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को 2016 में शुरू किया गया था, ये सरकार स्पॉन्सर्ड फसल बीमा योजना है जो मौसम की बेहद अप्रत्याशित घटनाओं के कारण फसल के नुकसान के लिए किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया कराती है.
इसके अलावा, कैबिनेट ने पारदर्शिता बढ़ाने और क्लेम कैलकुलेशन और सेटलमेंट के लिए फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने को भी मंजूरी दी है. सरकार 824.77 करोड़ रुपये के फंड के साथ इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फंड (FIAT) की स्थापना करेगी. इस फंड का इस्तेमाल योजना के तहत तकनीकी पहल जैसे YES-TECH, WINDS वगैरह के साथ-साथ रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टडीज को फाइनेंस करने के लिए किया जाएगा.
यील्ड एस्टीमेशन सिस्टम टेक्नोलॉजी यानी YES-TECH टेक्नोलॉजी बेस्ड यील्ड अनुमानों के लिए न्यूनतम 30% वेटेज के साथ यील्ड अनुमान के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करता है. आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्य वर्तमान में इसे लागू कर रहे हैं. वेदर इंफॉर्मेशन एंड नेटवर्क डेटा सिस्टम्स यानी WINDS में ब्लॉक स्तर पर ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (AWS) और पंचायत स्तर पर ऑटोमैटिक रेन गेज (ARG) स्थापित करने की परिकल्पना की गई है.
साथ ही, मोदी कैबिनेट ने डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) फर्टिलाइजर्स के लिए 3,850 करोड़ रुपये के एकमुश्त विशेष पैकेज के एक्सटेंशन को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि किसानों को 50 किलोग्राम के प्रति बैग 1,350 रुपये पर DAP मिलेगा, इसका अतिरिक्त बोझ सरकार उठाएगी.
वैष्णव ने बताया कि जियो-पॉलिटिकल तनाव, युद्ध की स्थितियों ने DAP की ग्लोबल मार्केट में कीमतों को काफी हद तक अस्थिर कर दिया है. इस पैकेज पर विस्तार 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन के नेशनल बजट सहायता सब्सिडी से अलग है. सरकार इस कदम के जरिए ये सुनिश्चित करना चाहती है कि किसान सब्सिडीयुक्त, किफायती और उचित दाम पर DAP खरीद सकें.
कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 2014 से कोविड और युद्ध जैसी बाधाओं के बावजूद, PM मोदी ने सुनिश्चित किया कि किसानों को बाजार की अस्थिरता का बोझ न उठाना पड़े. 2014-24 से फर्टिलाइजर सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ थी जो 2004-14 से दी गई सब्सिडी (5.5 लाख करोड़) से दोगुना से भी ज्यादा है.
जुलाई 2024 में, कैबिनेट ने DAP के लिए वन टाइम स्पेशल पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें 1 अप्रैल से 31 दिसंबर, 2024 तक नेशनल बजट सब्सिडी से अलग 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई, जिसका अनुमानित वित्तीय बोझ 2,625 करोड़ रुपये था.