प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार की दोपहर केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में किसान कल्याण और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई फैसले लिए गए.
बुधवार दोपहर 3 बजे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन फैसलों के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों के लिए MSP तय करने, हाईवे और रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.
आइए जानते हैं, कैबिनेट मीटिंग में लिए गए 5 बड़े फैसलों के बारे में विस्तार से:
सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए धान, गेहूं, दलहन (तूर, मूंग, उड़द), तिलहन जैसी खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. कुल 2,07,000 करोड़ रुपये की खरीफ MSP को मंजूरी दी गई है. इसका उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोतरी और खेती को लाभकारी बनाना है.
केंद्र सरकार ने किसानों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने इस योजना के लिए 15,642 करोड़ रुपये के खर्च को स्वीकृति दी है. इस स्कीम के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए किसानों को 2 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन महज 4% की ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा.
सरकार इस योजना के तहत बैंकों को 1.5% ब्याज में छूट देगी, जिससे किसानों को सस्ते दर पर कर्ज मिल सके.
साथ ही, समय पर लोन चुकाने वाले किसानों को 3% अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन (रीपेमेंट इनसेंटिव) का लाभ भी मिलेगा.
इस तरह किसानों को कुल 4% की दर पर दो लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध होगा.
सरकार की ये पहल खेती की लागत को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है.
केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर के बीच 108 किलोमीटर लंबे फोर-लेन हाईवे परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना की लागत 3,653 करोड़ रुपये है और इसे BOT (Build-Operate-Transfer) मॉडल पर विकसित किया जाएगा, जिसकी रियायत अवधि 20 वर्ष होगी.
यह हाईवे आंध्र प्रदेश के कृष्णापटनम पोर्ट और नेशनल हाईवे-67 के एक हिस्से को जोड़ने का काम करेगा, जिससे पोर्ट कनेक्टिविटी बेहतर होगी. यह सड़क तीन प्रमुख इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के नोड्स को भी जोड़ती है- VCIC (कोप्पर्थी), HBIC (ओरवाकल) और CBIC (कृष्णपटनम).
इस परियोजना में 23 किलोमीटर मौजूदा सड़क का अपग्रेडेशन और 85 किलोमीटर नया हाईवे निर्माण शामिल है. सरकार का मानना है कि यह सड़क परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक विकास, लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी.
कैबिनेट ने वर्धा-बल्लारशाह रेलवे लाइन के 4 लाइनिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना की अनुमानित लागत 2,381 करोड़ रुपये है. इसके तहत इस व्यस्त रेलखंड पर अतिरिक्त लाइन बिछाई जाएगी, जिससे ट्रैफिक की क्षमता बढ़ेगी.
सरकारी अनुमान के मुताबिक इस सेक्शन पर 11.4 मिलियन टन अतिरिक्त माल वहन होने की संभावना है. ये लाइन कई अहम इकोनॉमिक नोड्स, पावर प्लांट्स और बंदरगाहों से जुड़ाव सुनिश्चित करेगी, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बल मिलेगा.
रतलाम-नागदा रेलवे लाइन पर चौथी लाइन बिछाने को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इस प्रोजेक्ट पर करीब 1,018 करोड़ रुपये खर्च होंगे. योजना के तहत मध्य प्रदेश के रतलाम से नागदा तक 41 किलोमीटर लंबे रेलखंड को चार लाइन में बदला जाएगा.
यह परियोजना पश्चिमी तट के प्रमुख बंदरगाहों को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से बेहतर रेल संपर्क देगी. इससे माल परिवहन की रफ्तार बढ़ेगी और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूती मिलेगी.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब 3 से 4 साल का समय लगेगा.