ADVERTISEMENT

क्या अगले 5 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाएगा भारत?

IMF द्वारा जारी अनुमानों के मुताबिक, भारत 2027 में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच सकता है.
NDTV Profit हिंदीपल्लवी नाहाटा
NDTV Profit हिंदी08:31 PM IST, 29 Jul 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि भारत उनके तीसरे कार्यकाल में तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा. फिलहाल भारत अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) द्वारा जारी अनुमानों के मुताबिक, भारत 2027 में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच सकता है. ध्यान रहे पर्चेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से भारत मौजूदा वक्त में भी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

तेजी से आगे बढ़ रही इकोनॉमी

भारत 2014 के बाद से सात पायदान ऊपर आ चुका है. उस समय देश 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने गुरुवार को एक नोट में कहा कि भारत को 2027 (FY28) में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा मिल सकता है.

भारत की GDP ग्रोथ पिछले दशक के दौरान औसतन करीब 5.5% रही है. लेकिन इसमें तेजी आने की उम्मीद है. घोष ने कहा कि भारत के हर दो साल में 0.75 ट्रिलियन डॉलर जोड़ने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि देश मौजूदा आंकड़ों पर कम से कम साल 2047 तक 20 ट्रिलियन डॉलर को छू सकता है.

दुनिया में भारत की स्थिति में बड़ा बदलाव

IMF के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर Antoinette M Sayeh ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका में बड़े तौर पर बदलाव आया है. साल 1991 में भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आर्थिक मदद लेने वाले देशों में से एक था और अब ये नेट डोनर है. उन्होंने कहा कि इस साल भारत का ग्लोबल ग्रोथ में योगदान करीब 15% रहने की उम्मीद है.

1991 के बाद, जबसे भारत आर्थिक उदारीकरण के रास्ते पर चला है, तबसे देश की रियल पर कैपिटा इनकम तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है, जिससे पिछले 15 सालों में अनुमानित 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली है.

भारत इस साल की शुरुआत में चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है.लेकिन वर्ल्ड बैंक डेटा के मुताबिक 2022 में प्रति व्यक्ति आय अब भी सालाना 2,388.6 डॉलर के निचले स्तर पर बनी हुई है. इसके मुकाबले बांग्लादेश की आय $2,688.3 और चीन की $12,720.2 है.

वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी नोट के मुताबिक बच्चों में कुपोषण ज्यादा बना हुआ है. जबकि नौकरियों की गुणवत्ता पर चिंताएं बरकरार हैं. इसके साथ वेतन में रियल ग्रोथ और लेबर फोर्स में महिलाओं की कम भागीदारी को लेकर भी चिंताएं बनी हुईं हैं.

गोल्डमैन सैक्स के हाल के एक आर्टिकल में भारत के साल 2075 तक दुनिया की दूसरी सबसे अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान लगाया गया है.

क्या कहते हैं जानकार?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में एसोसिएट प्रोफेसर राधिका पांडे के मुताबिक, बहुत लंबी अवधि के अनुमानों को संभलकर लेना चाहिए. उन्होंने हाल ही के सालों का उदाहरण दिया, जब दुनिया की अर्थव्यवस्था ने बहुत ज्यादा अनिश्चित्ता का सामना किया है. दुनिया ने महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, विकसित देशों में अप्रत्याशित महंगाई, मौद्रिक नीति को सख्त करना और फिर ग्रोथ में सुस्ती को देखा है.

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, लंबी अवधि के अनुमान से दिशा का संकेत मिलता है. और जहां ऐसे आंकड़े पूरी तरह विश्वास किए जाने लायक नहीं होते हैं, लेकिन उनसे ये पता चलता है कि कैसे ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक पेपर में कहा कि इसके लिए भारतीय GDP के 2023-24 से 2047–48 के दौरान 7.6% की दर से बढ़ने की जरूरत है. लेकिन वर्ल्ड बैंक के स्टैंडर्ड के हिसाब से ज्यादा इनकम वाली इकोनॉमी बनने के लिए, भारत को अवधि के दौरान 9% की दर से ग्रोथ करनी होगी.

तो मुख्य सवाल पर वापस आते हैं: जैसा प्रधानमंत्री ने अंदाजा लगाया है, क्या भारत अगले पांच साल में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाएगा? ये बहुत हद तक संभव है. लेकिन क्या 2047 तक देश एक एडवांस इकोनॉमी बन जाएगा? ये थोड़ा मुश्किल समझ आता है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT