कैबिनेट ने देश में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की मैन्युफैक्चरिंग के लिए 3,760 करोड़ रुपये के VGF (Viability Gap Funding) स्कीम को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा, 'केंद्रीय कैबिनेट ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को डेवलप करने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग की योजना को मंजूरी दी है. BESS प्रोजेक्ट्स के तहत 2030-31 तक 4,000 MWh ऊर्जा को जोड़ा जाएगा. इसमें बजटीय सहायता के रूप में कैपिटल कॉस्ट का 40% तक वित्तीय सहायता दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ये फंड वर्ष 2030-31 तक 5 किस्तों में जारी किया जाएगा. इससे 4,000 MWh की एनर्जी स्टाेरेज तैयार करने में मदद मिलेगी.' अनुराग ठाकुर ने कहा, 'वायबिलिटी गैप फंडिंग से 9,500 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है.'
भारत ने अगले कुछ वर्षों में अपनी आधी ऊर्जा जरूरतों को नवीकरणीय ऊर्जा और गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से पूरा करने का लक्ष्य रखा है. एनर्जी स्टोरेज की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. वायबिलिटी गैप फंडिंग 3 साल के लिए बैटरी स्टोरेज के लिए है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'वर्ष 2030 तक बिजली खपत की 50% जरूरत, देश गैर-जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके पूरा करेगा.'
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हिमाचल और उत्तराखंड में औद्योगिक विकास के लिए करीब 1165 करोड़ रुपये का फंड स्वीकृत किया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के तहत अतिरिक्त निधि की आवश्यकता को देखते हुए 1164.53 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है.'