NEET और UGC-NET एग्जाम के क्राइसिस और पेपर लीक के आरोपों में फंसी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को लेकर एक बड़ी खबर आई है. केंद्र सरकार ने NTA के चीफ यानी डायरेक्टर जनरल, सुबोध कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया है.
सुबोध कुमार सिंह की जगह 1985 बैच के रिटायर्ड IAS अधिकारी, प्रदीप सिंह खरोला को NTA के डायरेक्टर जनरल पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
प्रदीप सिंह खरोला, भारत व्यापार संवर्धन संगठन (इंडिया ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन) के चेयरमैन और MD हैं. प्रदीप सिंह खरोला को NTA में नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक NTA के DG के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
दूसरी तरफ सुबोध कुमार सिंह को फिलहाल कम्पलसरी वेट (Compulsory Wait) पर रखा गया है. जिसका मतलब ये है कि फिलहाल उन्हें अपने अगले पदभार और जिम्मेदारी के लिए इंतजार करना होगा.
बता दें कि अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स (MBBS) में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा NEET पर इन दिनों खूब विवाद हो रहा है. मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जबकि शिक्ष मंत्रालय अलग से इस पर जांच कर रहा है. बीते 5 मई को हुए नीट परीक्षा (NEET Exam) में एक, दो, तीन नहीं, बल्कि 67 बच्चों ने टॉप किया, जो अपने आप में चौकाने वाली बात है. इसी के बाद से परीक्षा विवादों में हैं.
सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency-NTA) के कामकाज करने की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया है. इस कमिटी का काम परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA की संरचना और उसकी कार्यप्रणाली को लेकर अपनी सिफारिशें देना. नेशनल टेस्ट एजेंसी यानी NTA को बीते कुछ दिनों से काफी विवादों का सामना करना पड़ा है.
शिक्षा मंत्रालय ने इस एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया है. इस कमिटी की अध्यक्षता ISRO के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णन करेंगे. इस कमिटी में कुल 7 सदस्य हैं. मंत्रालय के सबसे उच्च अधिकारी गोविंद जायसवाल को कमिटी का सचिव नियुक्त किया गया है.
कमिटी में AIIMS दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, केंद्रीय हैदराबाद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बी जे राव, IIT मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एमेरिटस राममूर्ति के, HR टेक प्लेटफॉर्म पीपल स्ट्रॉन्ग के को-फाउंडर पंकज बंसल और IIT दिल्ली के डीन आदित्य मित्तल शामिल होंगे. ये समिति दो महीने के भीतर सरकार को अपनी सिफारिशें लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
एक्सपर्ट कमिटी एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक परीक्षा प्रक्रिया की पूरी गहन जांच करेगी और सिस्टम की कार्यक्षमता को बढ़ाने और किसी भी संभावित चूक को रोकने के उपाय सुझाएगी. ये NTA के प्रोटोकॉल की भी समीक्षा करेगी और इन प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए उपाय सुझाएगी, साथ ही हर स्तर पर कंप्लांयस सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटरिंग मैकेनिज्म की सिफारिश करेगी.
ये NTA की संगठनात्मक संरचना और कार्यप्रणाली पर भी सिफारिशें देगी, ताकि सुधार लागू किए जा सकें और हर स्तर पर सभी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके. NTA की मौजूदा शिकायत निवारण प्रणाली का भी आकलन किया जाएगा ताकि सुधार के क्षेत्रों की पहचान की जा सके और इसकी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए सिफारिशें की जा सकें.