अगस्त में महंगाई के मोर्चे पर हल्की राहत मिली है. CPI महंगाई दर अगस्त में 6.83% रही है, जो एक बार फिर से RBI की टार्गेट रेंज से ज्यादा है. इसके पिछले महीने रिटेल महंगाई दर जुलाई में 7.44% रही थी, जो कि 15 महीने का उच्चतम स्तर था. ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट पोल में इसके 7.1% होने का अनुमान जताया गया था.
ये लगातार दूसरा महीना है जब रिटेल महंगाई दर रिजर्व बैंक की लक्ष्मण रेखा से ऊपर है, क्योंकि जून में रिटेल महंगाई दर 4.81% रही थी, इसके पहले मई में 4.31% और इसके पहले अप्रैल में CPI का आंकड़ा 4.7% था. हालंकि मार्च में 5.66% और फरवरी में महंगाई दर 6.44% रही थी.
पिछले साल दिसंबर 2022 में रिटेल महंगाई दर 5.72% और नवंबर में 5.88% थी.
दालों की महंगाई 13% से गिरकर अगस्त में 11.6% रही
मीट और मछली की महंगाई 2.25% से बढ़कर अगस्त में 3.7% रही
अंडों की महंगाई अगस्त में 3.82% से बढ़कर 4.3% रही
दूध और दूध से बने उत्पादों की महंगाई दर 8.34% से घटकर अगस्त में 7.7% रही
सब्जियों की महंगाई 37.34% से घटकर अगस्त में 26.1% रही
ईंधन और बिजली की महंगाई दर अगस्त में 3.67% से बढ़कर 4.3% रही
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) लगातार दूसरे महीने RBI की 4 (+/- 2)% की रेंज से ज्यादा रही है. अगस्त खत्म होने से पहले RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी मिनट्स में गवर्नर शक्तिकांता दास ने जुलाई-अगस्त में टमाटर और दूसरी सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी से CPI महंगाई बढ़ने की बात कही थी.
दास ने कहा था, 'नई फसल आने के बाद सब्जियों के बढ़ी हुई कीमतों में वापस संतुलन पर आने का अनुमान है, इसके साथ ही एल निनो परिस्थितियों के बीच खाद्य और ओवरऑल महंगाई के आउटलुक पर रिस्क बढ़ गया है. वहीं, वैश्विक स्तर पर खाने की चीजों के दाम और बिखरा हुआ मॉनसून डिस्ट्रिब्यूशन पर बारीक नजर बनाए रखने की जरूरत है'. सितंबर में महंगाई में गिरावट आने का पूरा अनुमान है, क्योंकि अगस्त और शुरुआती सितंबर में सब्जियों के दाम में कमी देखने को मिली है.