Delhi Air Quality: दिल्ली में कई जगह AQI शुक्रवार को 700 के पार पहुंच गया. ऐसा पड़ोसी राज्यों में जल रही पराली की घटनाओं में आई तेजी के चलते हो रहा है. प्रदेश का औसत AQI दोपहर 1 बजे 536 चल रहा था. अब तो लोगों का NCR में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है.
इस बीच दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने भी मामले पर एक बैठक की, जिसके बाद उन्होंने कुछ अहम घोषणाएं कीं.
दिल्ली में अब GRAP स्टेज-III रिस्पांस लागू हो गया है. अब कंस्ट्रक्शन, ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट और प्रदूषण फैलाने वाली दूसरी चीजों पर नए प्रतिबंध लागू हो गए हैं.
प्रदूषण पर बोलते हुए दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'ना सिर्फ दिल्ली में, बल्कि पूरे उत्तर भारत में स्थिति खराब है. सभी सरकारों को मिलकर काम करना होगा. BJP पॉल्यूशन के लिए अरविंद केजरीवाल को दोषी ठहराती है, लेकिन वो उत्तर प्रदेश, हरियाणा में खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से हाथ जोड़कर अपील है कि वे अब सक्रिय हो जाएं. पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में है.'
गोपाल राय ने आगे बताया, 'वैक्यूम क्लीनर्स के काम के घंटे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली की सड़कों पर फिलहाल 52 वैक्यूम क्लीनर्स काम कर रहे हैं. अब ये 8 घंटे के बजाए 12 घंटे काम करेंगे. इसी तरह 345 वॉटर स्प्रिंकलर्स भी 12 घंटे काम करेंगे. ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों में मोबाइल एंटी स्मॉग गन्स उपयोग की जाएंगी.'
दिल्ली में स्कूलों की भी 5 नवंबर तक छुट्टी कर दी गई है.
CNG/इलेक्ट्रिक से इतर, डीजल ट्रकों की एंट्री पर बैन लगा दिया गया है
BS-III और BS-IV डीजल कारों पर भी बैन लगा दिया गया है. ये प्रतिबंध दिल्ली के सभी जिलों के अलावा फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में लागू हैं. ये नियम तोड़ने वालों पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगेगा
वर्ल्ड कप मैचों में भी आतिशबाजी पर रोक लगा दी गई है
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत 4 कैटेगरी आती हैं. ये कैटेगरी अलग-अलग AQI लेवल के हिसाब से बढ़ती हैं और हर कैटेगरी में प्रदूषण से निपटने के तरीके कठोर होते जाते हैं.
स्टेज-1 : Poor (AQI 201-300)
स्टेज- 2 : Very Poor (AQI 301-400)
स्टेज-3 : Severe (AQI 401-450)
स्टेज-4 : Severe Plus (AQI 450 से ज्यादा)
स्टेज-1 में सरकार के पोर्टल पर डस्ट मिटिगेशन की रिमोट मॉनिटरिंग में रजिस्ट्रेशन ना कराने वाले 500 स्कवॉयर मीटर से ज्यादा के प्लॉट पर प्राइवेट कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन प्रोजेक्ट पर रोक लगाई जाती है.
होटेल, रेस्त्रां में तंदूर पर बैन लगाया जाता है और दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित थर्मल प्लांट और इंडस्ट्रियल यूनिट्स पर प्रदूषण फैलाने के लिए कार्रवाई की जाती है. स्टेज-2 में पार्किंग फीस बढ़ाई जाती है, ताकि प्राइवेट ट्रांसपोर्ट को कम किया जा सके.
स्टेज-3 में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में बंद कर दिया जाता है. इस स्टेज में कंस्ट्रक्शन, माइनिंग और स्टोन क्रशिंग पर भी पूरी तरह लगाम लगा दी जाती है. सिर्फ सरकारी प्रोजेक्ट को इसमें छूट होती है. इसमें NCR के बाहर के लाइट कमर्शियल व्हीकल के शहर में प्रवेश को भी रोक दिया जाता है.
स्टेज-4 में हर तरह के सरकारी और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिशन को रोक दिया जाता है. सरकारें बच्चों की ऑनलाइन क्लॉस और प्राइवेट संस्थान कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम पर फैसला लेती हैं.