देश में जल्द ही एयर ट्रेन चलने वाली है. ये या तो पिलर और स्लैब के सहारे हवा में चलने वाली मोनो रेल होगी या फिर जमीन पर चलने वाली 'ऑटोमैटिक पीपुल मूवर (APM)' एयर ट्रेन हो सकती है. ये एयर ट्रेन सेवा शुरू होगी, दिल्ली एयरपोर्ट पर, ताकि एयरपोर्ट के किसी भी टर्मिनल से फ्लाइट पकड़ने के लिए लोगों को आपाधापी का सामना नहीं करना पड़े.
दिल्ली एयरपोर्ट को ऑपरेट करने वाली कंपनी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने इसके लिए टेंडर जारी किया है. टेंडर दिए जाने के बाद इसे 3 साल में पूरा करने का लक्ष्य है. यानी साल 2027 तक ये योजना कागत से उतर कर जमीन पर साकार होने की संभावना है.
2,000 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान, तीन साल में बनकर हो सकता है तैयार
एयरपोर्ट के टर्मिनल 1, 2 और 3 को आपस में इस एयर ट्रेन के माध्यम से जोड़ा जाएगा.
करीब 7.7 किलोमीटर की दूरी कवर होगी और इसमें कुल 4 स्टॉप/स्टेशन बनाए जाएंगे.
तीनों टर्मिनल के अलावा इसे एयरोसिटी और कार्गो सिटी से जोड़ा जाएगा.
इस एयर ट्रेन को DTC की फीडर बसों के विकल्प के तौर पर पेश किया जाएगा.
दिल्ली एयरपोर्ट से हर साल 7 करोड़ से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है. जिस तरह एयर पैसेंजर्स की संख्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है, अनुमान है कि अगले 6 से 8 वर्षों में यहां से करीब 13 करोड़ यात्रियों का आवागमन होगा. इन यात्रियों में अनुमान के अनुसार करीब 25% ट्रांजिट पैसेंजर्स होते हैं, जिन्हें टर्मिनलों के बीच आना-जाना होता है.
फिलहाल फीडर बस के जरिये ऐसे पैसेंजर्स को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक ले जाया जाता है. एक फ्लाइट के पैसेंजर्स के लिए 3-4 बस भी कई बार कम पड़ जाते हैं. ऐसे में एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन सर्विस, पैसेंजर्स के साथ-साथ ऑपरेटर एजेंसी के लिए भी फायदेमंद होगी.
इस सर्विस के शुरू होने के बाद खासकर कनेक्टिंग फ्लाइट वाले पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक आप अंदर ही अंदर कुछ ही मिनटों में पहुंच जाएंगे.
जैसे कि मान लें आप डोमेस्टिक फ्लाइट से एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर पहुंचते हैं और फिर वहां से इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए आपको इंटरनेशनल फ्लाइट पकड़ने के लिए टर्मिनल-3 जाना हो तो इसके लिए एयरपोर्ट से बाहर निकलकर अन्य वाहन से जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.