ADVERTISEMENT

OTT प्लेटफॉर्म के कारण कैसे बढ़ गई 'द फैमिली मैन' टाइप एक्टर्स की डिमांड?

बीते चार-पांच बरस में ही सबकुछ बदल गया. ओटीटी प्लेटफॉर्म के पॉपुलर होने के बाद लोगों का माइंडसेट तेजी से बदला है. अब चेहरा और उमर कोई नहीं देखता. बस, स्टोरी और एक्टिंग में जान होनी चाहिए.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी08:49 AM IST, 14 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

देश में OTT (Over-the-top) प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता ने सिनेमा की परिभाषा को ही बदलकर रख दिया है. अब चाहे बॉलीवुड की फिल्में हों या वेब सीरीज, इनमें लीड रोल के लिए सीनियर 'चरित्र अभिनेताओं' की डिमांड बढ़ती जा रही है. मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी, नीना गुप्ता, शेफाली शाह जैसे कई नाम लिए जा सकते हैं, जो कामयाबी के नए-नए झंडे गाड़ रहे हैं. ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि आखिर इतना बड़ा बदलाव क्यों और कैसे हो रहा है?

हीरो कौन?

पहले आम तौर पर किसी फिल्म में लीड रोल पाने के लिए कुछ अघोषित शर्तें होती थीं. मसलन- चॉकलेटी चेहरा, तराशी हुई बॉडी और अच्छी कद-काठी. यानी हीरो कहलाने लायक पर्सनैलिटी. अगर एक्टिंग भी दमदार हो, तो कहना ही क्या!

लेकिन बीते चार-पांच बरस में ही सबकुछ बदल गया. ओटीटी प्लेटफॉर्म के पॉपुलर होने के बाद लोगों का माइंडसेट तेजी से बदला है. अब चेहरा और उमर कोई नहीं देखता. बस, स्टोरी और एक्टिंग में जान होनी चाहिए. लेकिन इन सबके चीर-फाड़ से पहले उन वजहों को समझना जरूरी है, जिनसे देश में OTT (over-the-top) प्लेटफॉर्म लोकप्रिय होते चले गए.

OTT प्लेटफॉर्म पॉपुलर क्यों?

देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म की कामयाबी के पीछे कई कारण हैं. सस्ते स्मार्टफोन से बाजार पहले ही भरे पड़े हैं. अब हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा कमोबेश हर जगह आसानी से उपलब्ध है. भारत की बड़ी आबादी के मन-मिजाज के हिसाब से तरह-तरह के कंटेंट तैयार हो रहे हैं. डायलॉग में क्षेत्रीय बोलियों का इस्तेमाल बढ़ा है, जिससे लोग ज्यादा जुड़ाव महसूस कर रहे हैं.

नए-नए कंटेंट तेजी से बनने के कारण, बार-बार पुराना देखने की मजबूरी भी नहीं रही. सबसे बड़ी बात. अब दर्शक अपनी मर्जी के मुताबिक समय निकालकर, कभी भी मनचाहा कंटेंट देख सकते हैं. इन सुविधाओं के कारण दर्शकों की पहली पसंद परंपरागत सिनेमा नहीं रह गई.

कैसे बदला गेम?

OTT प्लेटफॉर्म के पॉपुलर होने से कई सीनियर चरित्र अभिनेताओं का करियर अचानक ऊंची उड़ान भरने लगा. मनोज बाजपेयी, गजराज राव, नीना गुप्ता, शेफाली शाह, पंकज त्रिपाठी, जितेंद्र कुमार, जयदीप अहलावत, संजय मिश्रा तो बस कुछेक नाम हैं. ऐसी भी रिपोर्ट है कि ये कलाकार करीब पांच साल पहले तक जितनी रकम लेते थे, अब उससे चार से दस गुना तक ज्यादा चार्ज कर रहे हैं.

दरअसल, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, Zee5, वूट, Alt बालाजी जैसे प्लेटफॉर्म इन कलाकारों को दुनियाभर के दर्शकों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक बड़ा मंच दे रहे हैं. परंपरागत फिल्मों के दर्शकों का दायरा सीमित था, जबकि उसकी तुलना में OTT प्लेटफॉर्म पर दर्शकों की मौजूदगी कहीं ज्यादा विशाल है.

इस माध्यम का दायरा और लोकप्रियता बढ़ने पर स्वाभाविक रूप से क्वालिटी कंटेंट की मांग बढ़ी. नतीजतन, इस मांग को कई प्रतिभाशाली कलाकारों ने आगे बढ़कर पूरा कर दिया. जो अभिनय-प्रतिभा के धनी थे, उन्हें दोनों हाथों से मोटी रकम वसूलने का मौका भी मिल गया.

एक और बड़ी वजह कंटेंट बनाने की लागत और उसे प्रसारित करने की आजादी से जुड़ी है. लागत कम होने के कारण कंटेंट में ज्यादा से ज्यादा एक्सपेरिमेंट किए जाने लगे. लोगों की पसंद के हिसाब से पटकथा लिखी जाने लगी.

हीरो की जगह 'कॉमन मैन' और 'फैमिली मैन' ने ले लिया. गांव-देहात की बोली ने हर किसी को कायदे से कनेक्ट कर लिया. रही-सही कसर गाली-गलौज के तड़के ने पूरी कर दी. ऐसे कंटेंट भी खूब बने और पसंद किए गए, जो परंपरागत सिनेमा के पर्दे पर दिखाया जाना संभव ही न था. ऐसे में प्रतिभाशाली कलाकारों का 'स्वर्णकाल' आना ही था.

कितनी बढ़ी कमाई?

OTT प्लेटफॉर्म के दौर में सीनियर कलाकारों की कमाई कितनी बढ़ी, ये जानकर किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए. रिपोर्ट के मुताबिक, कई कलाकारों की फीस कुछ साल के भीतर ही कई गुना बढ़ चुकी है. जो कलाकार पहले एक प्रोजेक्ट के लिए 25-30 लाख रुपये लेते थे, वे अब 1-4 करोड़ रुपये ले रहे हैं.

एक्टर के कद के हिसाब से यह रकम इससे भी ज्यादा हो सकती है. शो के सुपरहिट होने पर वे अगले प्रोजेक्ट के लिए अपना चार्ज और बढ़ा देते हैं. प्रोड्यूसर भी तगड़ी कमाई की संभावना देखकर उनकी डिमांड को खुशी-खुशी पूरी कर देते हैं.

वैसे तो कलाकारों की कमाई के एकदम ठोस और प्रामाणिक आंकड़े सार्वजनिक नहीं होते, फिर भी कुछ रिपोर्टों के आधार पर इनका अंजादा मिल जाता है. कुछ उदाहरण देखिए. कहा जाता है कि पंकज त्रिपाठी ने 'सेक्रेड गेम्स' में 'गुरुजी' की भूमिका के लिए 12 करोड़ रुपये और अमेजन प्राइम की आधिकारिक सीरीज 'मिर्जापुर' में 'कालीन भैया' के रोल के लिए 10 करोड़ रुपये चार्ज किए.

मनोज बाजपेयी को 'द फैमिली मैन' क्राइम थ्रिलर सीरीज में 'श्रीकांत तिवारी' के रोल में खूब पसंद किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने दूसरे सीजन में 10 करोड़ रुपये चार्ज किए.

जितेंद्र कुमार ने TVF के 'कोटा फैक्ट्री' और नेटफ्लिक्स के 'पंचायत' में सबका दिल जीत लिया. उन्होंने 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान', 'परमानेंट रूममेट', 'थैंक गॉड' जैसी ढेरों सीरीज में काम किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे अपनी वेब सीरीज के लिए 3 से 6 करोड़ रुपये चार्ज करते हैं.

कुल मिलाकर, ओटीटी प्लेटफॉर्म ने इन एक्टरों के करियर और कमाई का ग्राफ तो ऊपर किया ही, इसने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं के भी पर लगा दिए हैं.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT