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Dharavi Redevelopment: धारावी प्रोजेक्ट को मिला चमड़ा व्यापारियों का समर्थन, 'लिव-वर्क' मॉडल पर जताई उम्मीद

धारावी में चमड़ा उद्योग के अंतर्गत टैनिंग, वर्कशॉप्स और खुदरा बिक्री से जुड़ी करीब 5 से 6 हजार इकाइयां हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:14 PM IST, 20 Jun 2025NDTV Profit हिंदी
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मुंबई के धारावी इलाके में लंबे समय से चल रही पुनर्विकास योजना को अब नया मोड़ मिलता दिख रहा है. पहले इस परियोजना का विरोध कर रहे यहां के चमड़ा कारोबारियों ने अब नरम रुख अपनाया है. व्यापारियों का कहना है कि यदि सरकार उनसे संवाद करे और उनकी शंकाओं को दूर करे, तो वे पुनर्विकास में सहयोग को तैयार हैं.

धारावी में चमड़ा उद्योग के अंतर्गत टैनिंग, वर्कशॉप्स और खुदरा बिक्री से जुड़ी करीब 5 से 6 हजार इकाइयां हैं. इनमें से 80% का सर्वे हो चुका है.

  • चमड़े की दुकानों का सर्वे पूरा, कुछ को छोड़ बाकी समर्थन में

  • व्यापारियों को उम्मीद- सरकार बात करे तो रास्ता निकल सकता है

  • कई व्यापारियों ने 'लिव-वर्क' मॉडल का किया समर्थन

खुदरा दुकानों का सर्वे पूरा कर लिया गया है, लेकिन निजी स्वामित्व वाली जमीनों पर मौजूद कुछ फैक्ट्रियों और वर्कशॉप्स का काम अभी बाकी है क्योंकि भूस्वामी इसमें हिस्सा लेने से हिचक रहे हैं.

बदलता नजरिया: समाधान की बात कर रहे व्यापारी

28 साल से धारावी में 'इमेज डिजाइनर शूज' चला रहे अलीम ने कहा, 'पुनर्विकास जरूरी है. अधिकांश टैनरियां पहले ही बंद हो चुकी हैं. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमसे संवाद करे, समाधान निकाले.'

वहीं, 'गुप्ता लेदर बुटीक' के सूरज गुप्ता, जो परिवार के साथ 35 साल से इस कारोबार में हैं, ने कहा कि पुनर्विकास 'नए मौके' ला सकता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि बाजार में ग्राहकी कम हो गई है और ऑनलाइन बिक्री के कारण आय घट गई है.

'लिव-वर्क' मॉडल से उम्मीदें

व्यापारियों को सबसे अधिक उम्मीद राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित 'लिव-वर्क' मॉडल से है. इसके तहत लोगों को घर के पास ही व्यापार की सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि हर कुशल कामगार को मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा. सूरज कहते हैं, 'अगर सरकार हमारी दिक्कतों को हल करे, तो हम क्यों न सहयोग करें.'

DRP का फोकस: समावेश और स्थायित्व

धारावी पुनर्विकास परियोजना के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास ने कहा, 'हमारा ध्यान समावेशी विकास और दीर्घकालिक स्थायित्व पर है. हमने ऐसी टाउनशिप बनाने की योजना बनाई है जो स्थानीय व्यवसायों के विकास में मदद करे और बेहतर आर्थिक अवसर पैदा करे.'

'कोई विरोध नहीं', लेकिन संवाद जरूरी

काला किला रोड पर 'जाझ लेदर' के मालिक दीपक काले का कहना है, 'धारावी में पुनर्विकास का कोई विरोध नहीं है, लेकिन हमसे अभी तक किसी ने बात नहीं की. अगर संवाद हो तो हम सहयोग देने को तैयार हैं.'

काले का सवाल था कि क्या उन्हें धारावी में मॉल जैसी किसी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा? उनका कहना है कि मुंबई में कई मॉल सफल नहीं हुए हैं, इसलिए स्पष्ट जानकारी जरूरी है.

'सहमति बन रही है, सरकार बात करे'

दीपक के सहयोगी नरेंद्र ने बताया कि धारावी में आम राय यही है कि पुनर्विकास होना चाहिए, लेकिन बातचीत जरूरी है. उन्होंने कहा,'हम 34 सालों से इस उद्योग में हैं. सरकार हमसे बात करे, बैठकर समाधान निकाले, हम हर तरह से सहयोग को तैयार हैं.'

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