दिल्ली शराब नीति केस (Delhi Excise Policy Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CM अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ के लिए उनके घर पहुंची ED की टीम ने उन्हें रात करीब 9 बजे गिरफ्तार किया.
गुरुवार (21 मार्च) को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को गिरफ्तारी को लेकर प्रोटेक्शन देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ED की टीम गुरुवार शाम करीब 7 बजे अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची थी.
ED की टीम के पास सर्च वारंट था. अधिकारियों ने करीब दो घंटे तक CM हाउस की तलाशी ली और केजरीवाल से पूछताछ की. इसके बाद रात करीब 9 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
ED के एक्शन के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. कांग्रेस नेता और जाने माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में CM केजरीवाल की ओर से पैरवीकार हैं.
लीगल टीम ने ई-फाइलिंग के जरिए अर्जी दाखिल की और केस की तुरंत सुनवाई के लिए अर्जेंट लिस्टिंग की मांग की. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई तुंरत करने से इनकार कर दिया. बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई होगी.
शराब नीति केस में CM केजरीवाल को ED अब तक 9 समन भेज चुकी है, लेकिन वह एक बार भी पेश नहीं हुए. नौवीं बार भेजे गए समन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन की मांग की थी, जो खारिज हो गई. इसके बाद ED उनके घर पहुंची.
CM केजरीवाल ने कोर्ट से कहा था कि वे ED के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें आश्वस्त किया जाए कि गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ED को जवाब देने और नई अंतरिम याचिका दायर करने के लिए भी कहा है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होने के बाद भी मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे.
NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ED के अधिकारियों ने CM केजरीवाल और उनके परिवार के सदस्यों का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था. CM हाउस के बाहर भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई थी और धारा-144 लागू कर दिया गया था. ED ने अरविंद केजरीवाल को शराब नीति केस में मास्टमाइंड बताया है.