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कर्नाटक के 'चलो दिल्ली' प्रदर्शन पर सीतारमण की दो टूक, कहा- उनके दावे गलत और भटकाने वाले

कांग्रेस के नेतृत्व में कर्नाटक के लोगों की ओर से किए गए इस प्रदर्शन का हिस्सा अब केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के लोग भी बन गए हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी05:20 PM IST, 08 Feb 2024NDTV Profit हिंदी
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कांग्रेस के नेतृत्व में दिल्ली में 'चलो दिल्ली' प्रदर्शन हो रहा है. अपने प्रदेश का 'कम ख्याल रखे जाने' के चलते बड़ी संख्या में कर्नाटक (Karnataka) के लोग इस प्रदर्शन का हिस्सा हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) का कहना है कि इस प्रदर्शन में किए गए दावे 'तथ्यात्मक रूप से गलत और भटकाने वाले' हैं.

कर्नाटक के लोगों की ओर से किए गए इस प्रदर्शन का हिस्सा अब केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु के लोग भी बन गए हैं. सभी का दावा है कि केंद्र दक्षिण भारत के राज्यों को टैक्स और ग्रांट्स में कम हिस्सेदारी दे रहा है.

कब से शुरू हुआ विवाद?

नीति आयोग के पूर्व चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया (Arvind Pangadhiya) की अध्यक्षता में बने 16वें फाइनेंस कमीशन (Finance Commission) के निर्माण के बाद ये बहस कुछ तेज हो गई है. ये कमीशन 31 अक्टूबर 2025 तक अपनी सिफारिशें रखेगा और ये सिफारिशें 1 अप्रैल 2026 से अगले 5 साल के लिए लागू की जाएंगी.

कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा (Krishna Byre Gowda) ने NDTV Profit से कहा, GST लागू होने के बाद हमारे रेवेन्यू में अब तक 62,098 करोड़ रुपये की कमी आई है. इसमें सेस और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं.

इसके जवाब में बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन तथ्यों सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा राज्य सरकारों से बातचीत के बाद ही हर कमीशन में हर राज्य के रेवेन्यू में कुछ बदलाव होता है.

उन्होंने स्पष्ट किया, '14वें फाइनेंस कमीशन (FY26-20) के दौरान, कर्नाटक को 1,51,309 करोड़ रुपये मिले. हालांकि, मौजूदा फाइनेंस कमीशन के शुरुआती 4 साल में ही यानी मार्च 2024 तक, कर्नाटक को 1,29,854 करोड़ रुपये मिल चुके हैं'.

वित्तमंत्री ने कहा, 'FY25 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने 44,485 करोड़ रुपये रिलीज किए जाने का ऐलान किया है, इसका मतलब इन 5 साल में कुल रिलीज की गई राशि 1,74,339 करोड़ रुपये की होगी. कोविड-19 के बावजूद केंद्र ने 14वें फाइनेंस कमीशन के मुकाबले ज्यादा पैसा रिलीज किया गया है'.

सेस और अन्य चार्जेज पर वित्त मंत्री कि टैक्स कलेक्शन में इसका बड़ा हिस्सा GST कंपेनसेशन सेस के अंतर्गत आता है.

'ये सेस केंद्र के पास नहीं जाते और पूरा पैसा राज्यों को मिलता है. FY22 में कुल 4.81 लाख करोड़ रुपये का सेस व सरचार्ज कलेक्शन हुआ था, जिसमें 1,04,769 करोड़ रुपये का कंपेनसेशन सेस, राज्यों को पहले ही दिया जा चुका है'.

कर्नाटक का रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट

कर्नाटक सरकार के मुताबिक, 15वें रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के तौर पर 1,631 करोड़ रुपये मिले.

राजस्व मंत्रालय की टीम ने कहा, 'फाइनेंस कमीशन की ओर से चुन-चुन कर राज्यों को टैक्स का सही हिस्सा न देना अपने आप गलत और धोखा देने वाला है'.

सरकार ने कहा, 50 साल की इंटरेस्ट फ्री लोन स्कीम और आपदा में राहत के तौर पर 6,280 करोड़ रुपये और 6,196 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

इसके जवाब में, वित्त मंत्री सीतारमण की टीम ने जानकारी दी कि जुलाई 2022 से मार्च 2023 तक 21,075 करोड़ रुपये और FY24 में 34,570 करोड़ रुपये का कंपेनसेशन मिला.

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