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'द हिंदू' के सीनियर पत्रकार महेश लांगा पर तीसरी FIR दर्ज; क्या है पूरा मामला, जानिए लगे हैं कौन से आरोप?

महानिदेशक GST इंटेलिजेंस (DGGI) की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर, 2024 को एक फर्जी कंपनी ध्रुवी एंटरप्राइजेज से जुड़े 12 अन्य कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. तब ये मामला खुला और अब बढ़ता ही जा रहा था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:43 PM IST, 29 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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द हिंदू के सीनियर पत्रकार महेश लांगा पर एक और FIR दर्ज हो गयी है. ये FIR खुशी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर प्रणव शाह की शिकायत पर की गई है. अहमदाबाद पुलिस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी.

पुलिस के मुताबिक, पत्रकार महेश लांगा पर एक बिजनेसमैन प्रणव शाह की शिकायतों के आधार पर कथित रूप से धोखाधड़ी और धमकी देने के लिए ये मामला दर्ज किया गया है. कुल मिलाकर अहमदाबाद पुलिस ने लांगा के खिलाफ तीसरा FIR दर्ज किया है. इस बार उस पर 28 लाख रुपये के फ्रॉड का मामला दर्ज किया गया है.

महेश लांगा पर नया आरोप

पुलिस के बयान में कहा गया है कि लांगा ने शिकायत करने वाली कंपनी को पॉजिटिव मीडिया कवरेज दिलाने का वादा किया था. शिकायत करने वाले ने दावा किया है कि पत्रकार को एक ऑफिस खरीदने के लिए 23 लाख रुपये और पत्नी की जन्मदिन की पार्टी के लिए एक बैंक्वेट हॉल के भुगतान के लिए 5,68,250 रुपये दिए गए हैं.

शिकायत में दावा है कि लांगा ने बाद में पैसे चुकाने से इनकार कर दिया. साथ ही राजनीतिक कनेक्शनों और मीडिया का प्रभाव दिखाकर कंपनी के मालिक को धमकी दी कि नेगेटिव मीडिया कवरेज के जरिए उसके बिजनेस को खत्म कर देगा.

ED सहित कई एजेंसियां कर रही हैं जांच

महेश लांगा और उसकी फर्जी कंपनी के खिलाफ इस जांच में ED, GST इंटेलिसेंस (DGGI) और गुजरात पुलिस के अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के अधिकारी शामिल हैं. इस मामले में GST इंटेलिजेंस के डायरेक्टर जनरल की शिकायत पर गुजरात पुलिस के अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की है. ये FIR संगठित अपराधियों के एक ग्रुप के खिलाफ किया गया है जो 200 शैल कंपनियां (फर्जी कंपनियां) बनाकर बिना किसी वस्तु या सर्विस की सप्लाई किए बगैर फर्जी इनवॉयस बनाकर GST पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ले रहा था.

इस शिकायत के बाद ED ने 27 अक्टूबर को अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में 7 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया. ये सर्च ऑपरेशन ध्रुव एंटरप्राइजेज और इससे जुड़ी दूसरी कंपनियों के खिलाफ दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया गया है. इस सर्च ऑपरेशन में कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिसे ED ने जब्त कर लिया है.

इससे पहले महानिदेशक GST इंटेलिजेंस (DGGI) की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2024 को एक फर्जी कंपनी ध्रुवी एंटरप्राइजेज और उससे जुड़े 12 अन्य कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.

महेश लांगा ही DA एंटरप्राइजेज का मालिक!

ध्रुवी एंटरप्राइजेज का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया, जिसके जरिए फर्जी बिल बनाए गए और हवाला नेटवर्क के जरिए कमीशन लेकर कैश को घुमाया गया.

महेश लांगा एक दूसरी कंपनी DA एंटरप्राइजेज के लिए बिजनेस लेकर आते थे. इस कंपनी का FY21 में 21 लाख का टर्नओवर था. महेश लांगा ने 2021 में इस कंपनी से विनुभाई पटेल का नाम निकलवा दिया. 9 अक्तूबर 2021 को महेश लांगा ने इसमें अपनी पत्नी कविता लांगा को को-ऑनर बनाया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कंपनी के लिए बिजनेस लाने का काम महेश लांगा का था, इसलिए मुनाफे में उसे ज्यादा से ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए.

दिलचस्प ये है कि DA एंटरप्राइजेज का FY21 में 21 लाख का टर्नओवर था, मगर FY23 में इसका टर्नओवर बढ़कर 6.7 करोड़ रुपये हो गया था. सच ये है कि DA एंटरप्राइजेज को महेश लांगा ही चलाता था.

अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने बताया कि आयकर विभाग के दस्तावेजों के हिसाब से FY23 में महेश लांगा की आय 9.48 लाख रुपये और उनकी पत्नी की आय 6 लाख रुपये थी, मगर वो धूमने विदेश जाते थे और फाइव-स्टार होटलों में रुकते थे.

ध्रुवी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मामला क्या है ?

महेश लांगा ने सरकारी खजाने के साथ धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से जाली बिलों का इस्तेमाल किया था. मोबाइल नंबर, पैन कार्ड आदि जैसे समान क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल अन्य 220 संदिग्ध शेल कंपनियों को बनाने के लिए किया गया था.

भावनगर, सूरत, जूनागढ़, राजकोट, अहमदाबाद आदि जिलों में राज्य भर में 19 स्थानों पर कुल तलाशी ली गई. अब तक 29 कंप्यूटर, 38 मोबाइल, 7 लैपटॉप और कई दस्तावेज जब्त किए हैं. और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और आगे की जांच जारी है.

इसमें ये पाया गया है कि ध्रुवी एंटरप्राइजेज एक पूरी तरह से फर्जी कंपनी थी, जो बोटाद जिले के निवासी एक खेत मजदूर हरेश मकवाना के क्रेडेंशियल्स और नाम का उपयोग करके रजिस्टर्ड कराई गई थी. ध्रुवी एंटरप्राइजेज में कुल 7.04 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन किए गए.

इस जांच के दौरान पता चला कि महेश लांगा ही DA एंटरप्राइजेज के मालिक हैं. इस कंपनी के दफ्तर के बेहिसाब कैश जब्त किया गया है. कंपनी दूसरी शैल कंपनियों (फर्जी कंपनियों) के जरिए बेनामी ट्रांजैक्शन करती थी. जब मामले में पूछताछ की गई तो इन ट्रांजैक्शंस की सत्यता प्रमाणित नहीं हो पाई.

पुलिस ने अब तक कुल 139 बयान दर्ज किए हैं और 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने धोखाधड़ी के उद्देश्य से जाली दस्तावेजों का उपयोग करके ध्रुवी एंटरप्राइजेज बनाई थी, DA एंटरप्राइजेज 20 जुलाई 2020 को रजिस्टर्ड किया गया था. इसका सह-स्वामित्व मनोज लांगा (महेश लांगा का चचेरा भाई और एक सिक्योरिटी ऑपरेटर) और एक विनुभाई पटेल था, मगर महेश लांगा ने 2021 में इस कंपनी से विनुभाई पटेल का नाम निकलवा दिया. 9 अक्तूबर 2021 को महेश लांगा ने इसमें अपनी पत्नी कविता लांगा को को-ऑनर बनाया

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