विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में UNSC में सुधार की बात दोहराई है. जयशंकर ने ये भी साफ कहा कि अब सिर्फ कुछ देश आपस में UN का एजेंडा तय नहीं कर सकते.
'दुनिया इस समय उतार-चढ़ाव का दौर देख रही है. कूटनीति और बातचीत से ही तनाव घट सकते हैं. अब वो दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश ही एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि अन्य देश भी उनके साथ आएंगे.'एस जयशंकर
जयशंकर ने आगे कहा, 'UN को सुरक्षा परिषद को मौजूदा समय के हिसाब से ढलना चाहिए और नए सदस्यों को मेंबर बनाना चाहिए.अब हमें कमजोर देशों पर ध्यान देना होगा. भारत की G20 अध्यक्षता से ग्लोबल साउथ केंद्र में आया है.'
उन्होंने आगे कहा, 'UN चार्टर का भारत सम्मान करता है, लेकिन फिर भी कुछ देश ही एजेंडा बनाते हैं और नियमों को परिभाषित करते हैं. ये हमेशा के लिए नहीं जारी रह सकता और इसे चुनौती दी जाएगी.'
जयशंकर ने कहा कि 'आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा पर फैसला करते समय UN को राजनीतिक सहूलियत को बीच में नहीं लाना चाहिए.'
उन्होंने संबोधन में कहा, 'भारत तुर्की या सीरिया में आई आपदाओं में सबसे पहले मदद करने के लिए आगे बढ़ा. जब श्रीलंका पर आर्थिक संकट आया, तो भारत मदद के लिए आगे आया. दूसरे देशों ने जलवायु, भोजन और अन्य क्षेत्रों में हमारी मदद की सराहना की है.'