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मां के दूध की बिक्री पर FSSAI की चेतावनी! गुनाह है प्रोसेसिंग और सेलिंग, देना होगा लाखों का जुर्माना

ब्रेस्ट फीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (BPNI) ने सरकार से ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:26 AM IST, 28 May 2024NDTV Profit हिंदी
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खुले बाजार में 'मां का दूध' बेचे जाने की शिकायतों के बीच फूड रेगुलेटर FSSAI ने सख्त चेतावनी दी है. FSSAI ने साफ कर दिया है कि देश में 'ह्यूमन मिल्क' की बिक्री नहीं की जा सकती. फूड रेगुलेटर ने लाइसेंसिंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 'ह्यूमन मिल्क' की प्रोसेसिंग और बिक्री की मंजूरी न दें.

समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, FSSAI ने ह्यूमन मिल्क यानी मां के दूध और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स के अनाधिकृत व्यावसायीकरण (Unauthorised Commercialisation) पर एक एडवायजरी जारी की है और स्पष्ट किया है कि ह्यूमन मिल्क की बिक्री के लिए कोई अनुमति नहीं है.

FSSAI की एडवायजरी

फूड रेगुलेटर FSSAI ने 24 मई को जारी एडवायजरी में कहा, 'मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण को लेकर रजिस्टर्ड समितियों से रिप्रेजेन्टेशन मिल रहे हैं. इस संबंध में ये ध्यान दिया जा सकता है कि FSSAI ने फूड सैंपल सर्वे एक्ट 2006 और नियमों के तहत मानव दूध की प्रोसेसिंग और बिक्री की अनुमति नहीं दी है और इसके तहत नियम बनाए गए हैं.'

बिक्री पर लगे तुरंत रोक

फूड रेगुलेटर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को जारी एडवायजरी में सलाह दी है कि मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगा देनी चाहिए.

लाइसेंसिंग और कार्रवाई

रेगुलेटर ने कहा, 'नियमों के उल्लंघन पर FSS एक्ट, 2006 और उसके तहत नियमों/विनियमों के अनुसार फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBOs) के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.' इसके अलावा राज्य और केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों से ये सुनिश्चित करने को कहा है कि 'मां के दूध/मानव दूध' की प्रोसेसिंग या बिक्री में शामिल FBOs को कोई लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं दिया जाए.'

5 साल की सजा और जुर्माना

कुछ कंपनियां डेयरी प्रोडक्ट की आड़ में FSSAI का लाइसेंस लेने में कामयाब हो गईं. अब ब्रेस्ट फीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया (BPNI) ने सरकार से ऐसी कंपनियों का के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वालों को 5 साल की सजा हो सकती है और 5 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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