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जय हिंद कॉलेज में बोले गौतम अदाणी- जो सीमाएं तोड़ते हैं, भविष्य उनका होता है

ब्रेकिंग बाउंड्रीज थीम पर आधारित कार्यक्रम में बोले गौतम अदाणी- मेरे लिए 1991 का उदारीकरण बड़ा ब्रेक था. 1994 में हमने पब्लिक लिस्टिंग की योजना बनाई और अदाणी एंटरप्राइजेज का IPO लेकर आए.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी07:58 PM IST, 05 Sep 2024NDTV Profit हिंदी
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भारत का वक्त आ गया है. आज हम जो बाउंड्रीज तोड़ेंगे, वो भविष्य का भारत बनाएंगी: गौतम अदाणी

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने आज जय हिंद कॉलेज में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसमें उन्होंने उभरते भारत, अतीत की सीख और अपनी निजी यात्रा के बारे में विस्तार से बात रखी.

'Breaking Boundaries' थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में गौतम अदाणी ने अपने अनुभवों से बताया कि कैसे अलग-अलग दौर में उन्होंने तय सीमाओं को तोड़ा और अपने सपनों को नई उड़ान दी.

वर्तमान की आलोचना आसान है, लेकिन इतिहास सीमाएं तोड़ने वालों ने गढ़ा. मैंने 16 साल की उम्र में पहली बाउंड्री तोड़ी, तब मैंने मुंबई का रुख किया था. मुंबई मेरे लिए महज शहर से आगे, मेरा ट्रेनिंग ग्राउंड हैं. यहां मैंने हीरे का कारोबार सीखा. बड़ा करने के लिए आपको अपनी सीमाओं से आगे सोचना पड़ता है.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

उदारीकरण के बाद मिला बड़ा ब्रेक

शुरुआती सीख ने मेरे भविष्य के बिजनेसेज की नींव गढ़ी. PVC फैक्ट्री चलाते हुए मैंने छोटे स्तर की समस्याएं देखीं. 23 साल की उम्र तक आते-आते मेरा ट्रेडिंग वेंचर अच्छा कर रहा था.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

गौतम अदाणी के मुताबिक, 'राजीव गांधी के नेतृत्व में देश ने उदारीकरण का पहला दौर देखा. इसके बाद 1991 में PV नरसिम्हा राव और FM मनमोहन सिंह ने नए सुधार किए. इसके तहत इंपोर्ट टैरिफ कम किया गया. रेगुलेशन कम किए गए, विदेशी निवेश के रास्ते खोले गए और इंफ्रा में PPP मॉडल आया.'

उन्होंने आगे बताया, 'मेरे लिए 1991 का उदारीकरण बड़ा ब्रेक था. 1994 में हमने पब्लिक लिस्टिंग की योजना बनाई और अदाणी एंटरप्राइजेज का IPO लेकर आए. ठोस ग्रोथ के लिए एसेट्स में निवेश जरूरी होता है.'

'भविष्य उनका होता है, जो वर्तमान से परे देख पाते हैं.'
1995 में गुजरात सरकार PPP के जरिए पोर्ट फोकस इंडस्ट्रियल प्लान लेकर आई. मुंद्रा मेरी कर्मभूमि बनी और मेरे विजन को हकीकत में बदला. जो आप सोचते हैं, वो आप बनते हैं. मुंद्रा आज सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल है.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

उन्होंने आगे बताया, 'PM मोदी के राज में और स्वतंत्रता मिली, सुधार और गुड गवर्नेंस केंद्र में आया. इन सुधारों ने लाइसेंस राज को खत्म किया. भारतीय इकोनॉमी के जरूरत से ज्यादा रेगुलेशन को खत्म किया. जो लोग बाउंड्री तोड़कर और मौकों का फायदा उठा सकते थे, हम उनमें से एक हैं.'

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने धारावी रीडेवलपमेंट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'धारावी में दुनिया के सबसे बड़े स्लम को ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं. हम 10 लाख लोगों को सम्मान का जीवन उपलब्ध करवाएंगे.'

राष्ट्रीय गर्व है खावड़ा प्रोजेक्ट

जितनी बड़ी आपकी कोशिश होती है, उतनी ज्यादा बाउंड्री आप तोड़ते हैं. ये हमने रिन्युएबल एनर्जी में किया है. खावड़ा महज कोई आम प्रोजेक्ट नहीं है, ये एक विजन है. यहां से 3000 MW क्लीन एनर्जी उत्पादन हो रहा है, अगले 5 साल में 30,000 MW के उत्पादन का लक्ष्य है. खावड़ा राष्ट्रीय गर्व का विषय है, ये अदाणी ग्रुप की पहचान है: गौतम अदाणी

शॉर्ट सेलर के अटैक पर गौतम अदाणी

उन्होंने आगे कहा, 'पिछले साल जनवरी में विदेश से शॉर्ट सेलिंग अटैक किया गया. हमारी वित्तीय स्थिरता को निशाना बनाया गया और हमें राजनीतिक खेल में घसीटा गया. ये कैलकुलेटेड मूव था. लेकिन इस ट्रायल से हमने अपने मेंटल बैरियर को तोड़ने की अहमियत समझी.'

ये मूव हमारे पब्लिक ऑफर को अधिकतम नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी. शॉर्ट सेलिंग अटैक के बाद हमने FPO से जुटाए पैसे को वापस करने का फैसला किया. हमने दूसरे संसाधनों से हजारों करोड़ रुपये जुटाए. हम डेट टू EBITDA रेश्यो 2.5 पर लेकर आए. GQG पार्टनर्स, टोटलएनर्जीज जैसे साझेदारों ने हम पर भरोसा जताया है. असली ताकत गिरने के बाद मजबूती से खड़े होने में है.
गौतम अदाणी, चेयरमैन, अदाणी ग्रुप

सबसे बड़ा ग्रोथ प्लेटफॉर्म बनने के लिए तैयार भारत

एक दशक के भीतर भारत हर 18 महीने में एक ट्रिलियन डॉलर की GDP बढ़ाएगा: गौतम अदाणी

गौतम अदाणी ने कहा, '100% साक्षरता और 0% गरीबी की बाउंड्री को हमें सामूहिक तौर पर तोड़ना होगा. भारत दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा ग्रोथ प्लेटफॉर्म बनने के लिए तैयार है. 2050 में भी हमारी मीडियन ऐज सिर्फ 39 साल होगी. इससे ज्यादा ताकतवर कुछ नहीं कि औसत उम्र 40 साल से कम हो और गरीबी 0%. ये शानदार होगा.'

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