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Heatwave Alert: हीटवेव को लेकर सरकार की एडवायजरी! जानिए गर्मियों में क्‍या करें और क्‍या न करें

मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल से जून के बीच पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार है.
NDTV Profit हिंदीनिलेश कुमार
NDTV Profit हिंदी07:40 PM IST, 04 Apr 2024NDTV Profit हिंदी
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मौसम विभाग (IMD) ने इस साल भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की है. दिल्‍ली समेत उत्तर भारत के कई राज्‍यों में अभी से ही गर्मी का असर दिखने लगा है.

अल-नीनो की भविष्‍यवाणी और हीटवेव की संभावना के बीच केंद्र सरकार ने महत्‍वपूर्ण बैठक की, जिसके बाद केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से गर्मियों के लिए एक महत्‍वपूर्ण एडवायजरी जारी की गई है.

गर्मियों में हीटवेव के चलते हीट स्ट्रोक न हो, आम जन के स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर न हो, इसके लिए एडवायजरी में लू के लक्षण, बचाव और इलाज से लेकर 'क्‍या करें और क्‍या न करें' (Do's and Don'ts) तक, विस्‍तार से जानकारी दी गई है.

गर्मियों में क्‍या करें?

  • डिहाइड्रेशन से बचें: सभी को पर्याप्‍त पानी पीने की सलाह दी गई है. प्‍यास न भी लगी हो तो भी डिहाइड्रेशन हो सकता है, इसलिए पानी, नींबू पानी, छाछ, लस्‍सी वगैरह पीते रहें. यात्रा के समय पानी साथ रखें. ORS का भी इस्‍तेमाल करें.

  • मौसमी फल और सब्जियां: गर्मियों में तरबूज, खरबूज, संतरा, अंगूर जैसे अधिक पानी की मात्रा वाले मौसमी फल और खीरा, सलाद पत्ता और अन्‍य सब्जियों का सेवन करें.

  • सिर और शरीर को ढक कर रखें: लोगों को सूती, पतले, खासकर हल्‍के रंग के ढीले कपड़े पहनने की सलाह दी गई है. धूप में सिर को ढकना जरूरी है. इस दौरान छाता, टोपी, तौलिया, दुपट्टा या स्‍टोल वगैरह का इस्‍तेमान करें और नंगे पांव बिल्‍कुल बाहर न निकलें.

गर्मियों में क्‍या न करें?

  • जहां तक संभव हो धूप में बाहर न निकलें. खासकर दोपहर 12:00 बजे से 03:00 बजे के बीच बाहर न जाएं.

  • दोपहर में जब गर्मी सबसे ज्‍यादा रहती है, उस दौरान खाना पकाने से बचें. हाई प्रोटीन वाले भोजन से बचें और बासी भोजन न करें.

  • चाय, कॉफी, शराब और कार्बोनेटेड कोल्‍ड ड्रिंक्‍स या ज्‍यादा मात्रा में शुगर वाले पेय के सेवन से बचें. बल्कि न करें तो बेहतर है. इनसे बॉडी फ्लूड का लॉस होता है और पेट में ऐंठन हो सकती है.

  • पार्क की गई गाड़ी में बच्‍चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें, गाड़ी के अंदर का तापमान खतरनाक हो सकता है.

  • गर्मियों में अत्यधिक परिश्रम न करें. जिम-एक्‍सरसाइज में ज्‍यादा वक्‍त बिताने से भी बचना चाहिए.

गर्मियों में इन बीमारियों का खतरा

सामान्यत: हमारे शरीर का तापमान 36.4 डिग्री से 37.2 डिग्री सेंटीग्रेड (97.5° से 98.9° फारेनहाइट) के बीच होता है. हाई टेंपरेचर से हीट स्‍ट्रेस पैदा हो सकता है, जिससे गर्मी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं.

इनमें हीट रैश (घमौरियां), हीट एडिमा (हाथ-पैर में सूजन), हीट क्रैम्प्स (मांसपेशियों में ऐंठन), हीट टेटनी, हीट सिंकोप (बेहोशी) और हीट स्‍ट्रोक शामिल हैं. हीट स्‍ट्रेस किसी की हार्ट, सांस की बीमारी, गुर्दे की बीमारियों को भी बढ़ा सकता है.

इन लक्षणों पर सावधान होने की जरूरत

  • चक्कर आना या बेहोशी

  • अत्यधिक प्यास लगना

  • मतली या उल्‍टी

  • यूरिन में कमी या गहरा पीला रंग

  • तेज सिरदर्द

  • तेजी से सांस लेना

  • दिल की धड़कन तेज होना

गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचाव के लिए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कुछ जरूरी बातें बताई हैं. यदि आप या कोई और अस्वस्थ महसूस करते हैं और अत्यधिक गर्मी के दौरान हीट स्‍ट्रेस के लक्षणों का अनुभव करते हैं तो,

  • तुरंत किसी ठंडी जगह पर जाएं और पानी या किसी अन्‍य पेय का सेवन करें.

  • अपने शरीर का तापमान मापें. यदि नॉर्मल से ज्‍यादा है तो चिकित्सीय सहायता लें.

  • किसी ठंडी जगह पर आराम करें और ORS का सेवन करें.

  • यदि शरीर में ऐंठन एक घंटे से अधिक समय तक बनी रहती है तो डॉक्‍टर की सहायता लें.

किन्‍हें है हीटवेव का ज्‍यादा खतरा?

गर्मी के तनाव और लू जैसी बीमारियों से कभी भी कोई भी पीड़ित हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इसका ज्‍यादा खतरा रहता है और इसलिए उनका विशेष खयाल रखने की जरूरत होती है.

  • शिशु और छोटे बच्चे

  • बाहर काम करने वाले लोग

  • गर्भवती महिला

  • मानसिक बीमारी से ग्रस्‍त व्‍यक्ति

  • हार्ट पेशेंट या हाई ब्‍लडप्रेशर पेशेंट

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कहा है कि बच्‍चे, अकेले रहने वाले बुजुर्ग या बीमार लोगों की निगरानी की जानी चाहिए और उनके स्वास्थ्य की हर दिन मॉनिटरिंग होनी चाहिए.

बच्‍चों का भी विशेष खयाल रखने की जरूरत

...ताकि तन-मन रहे कूल-कूल!

  • अपने घर को ठंडा रखें. पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें और रात में खिड़कियां खुली रखें.

  • दिन के दौरान ऊपरी मंजिलों (Top Floor) की बजाय निचली मंजिलों पर रहने का प्रयास करें.

  • शरीर को ठंडा करने के लिए पंखे, स्प्रे बोतल, गीले कपड़े, बर्फ के तौलिये का प्रयोग करें.

इन बातों का भी रखें ध्‍यान

  • तापमान, हीटवेव के अलर्ट के लिए मौसम की खबरों से अपडेट रहें.

  • जहां तक संभव हो, घर के अंदर रहें. हवादार और ठंडी जगहों पर समय बिताएं.

  • यदि शॉपिंग या किसी काम से बाहर जाना जरूरी हो तो सुबह या शाम का समय चुनें.

  • दिन में घर की खिड़कियां-दरवाजें बंद रखें, पर्दे गिरा कर रखें और गर्म हवाएं आने से रोकें. रात में ठंडी हवाएं आने के लिए खिड़कियां खोल दें.

मौसम विभाग के मुताबिक, अप्रैल से जून के बीच पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने के आसार है.

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