गर्मी का मौसम शुरू होते ही देश के कई हिस्सों में तापमान बढ़ने लगा है. इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर आवश्यक स्वास्थ्य तैयारियों को मजबूत करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल गर्मी के मौसम को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किए हैं, उसमें बताया है कि इस साल अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ेगी और कई राज्यों में हीटवेव के दिनों की संख्या भी ज्यादा होगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की ओर से जारी की गई 'हीट एंड हेल्थ' गाइडलाइन का पालन करें और इसे सभी जिलों तक पहुंचाएं. पत्र में राज्यों को स्वास्थ्य विभागों और स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावी रूप से तैयार करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने को कहा गया है:
हीटस्ट्रोक मामलों की मॉनिटरिंग: 1 मार्च 2025 से हीटस्ट्रोक के मामलों की रिपोर्टिंग इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (IHIP) पर की जा रही है. इसे सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सभी मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाए.
दैनिक हीट अलर्ट: IMD द्वारा जारी दैनिक हीटवेव अलर्ट को NPCCHH, NCDC के माध्यम से राज्यों के साथ साझा किया जाता है. इन्हें समय पर सभी स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं.
चिकित्सा कर्मियों का प्रशिक्षण: राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को हीट-संबंधी बीमारियों की पहचान और प्रबंधन का प्रशिक्षण दें. मार्च 2025 में NPCCHH, NCDC द्वारा वर्चुअल प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें चिकित्सकों, बाल रोग विशेषज्ञों और चिकित्सा अधिकारियों को शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं: स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाओं, ORS, बर्फ पैक और आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि हीटस्ट्रोक से प्रभावित मरीजों को त्वरित राहत दी जा सके.
फायर सेफ्टी और बिजली की उपलब्धता: स्वास्थ्य सुविधाओं में फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए और बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि कूलिंग सिस्टम प्रभावी रूप से काम कर सकें. जहां संभव हो, वहां सौर ऊर्जा पैनल लगाने और ग्रीन रूफिंग जैसी तकनीकों को अपनाने पर भी जोर दिया गया है.
जन-जागरूकता अभियान: NPCCHH द्वारा विकसित ‘क्या करें और क्या न करें’ (Do’s & Don’ts) दिशानिर्देशों को स्थानीय भाषाओं में अनुवाद कर आम जनता तक पहुंचाने को कहा गया है.
IMD ने अपने पूर्वानुमान में बताया कि मार्च से मई 2025 के दौरान अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा. इसके मुताबिक, उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा. वहीं, हीटवेव के मामले बढ़ सकते हैं, खासकर मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भागों में लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
देशभर में बढ़ती गर्मी और हीटवेव के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम लोगों के लिए एक विस्तृत एडवायजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि कैसे गर्मी के प्रभाव से बचा जा सकता है और किन सावधानियों का पालन करना चाहिए.
घर से निकलने से पहले पानी पीकर निकलें और हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें.
धूप में अधिक देर तक न रहें और छाते या टोपी का इस्तेमाल करें.
अधिक गर्मी लगने पर ठंडे स्थान पर चले जाएं और ORS या नींबू पानी पिएं.
बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों का खास ध्यान रखें.
घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे, सनशेड और पंखे का उपयोग करें
सिरदर्द, चक्कर, उल्टी या तेज बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं.
केंद्र सरकार ने राज्यों से अपेक्षा की है कि वे संभावित भीषण गर्मी को देखते हुए निर्देशों का पालन करें और गर्मी से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में सहयोग करें.