केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जम्मू कश्मीर में AFSPA को हटाने और सैनकों की तैनाती लेकर बड़ा ऐलान किया है.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार जम्मू-कश्मीर में अफस्पा को हटाकर कानून-व्यवस्था को पूरी तरह स्थानीय पुलिस के हाथ में देने पर विचार करेगी.
JK मीडिया ग्रुप के साथ एक इंटरव्यू में शाह ने कहा, 'हमारी जम्मू-कश्मीर के नागरिक इलाकों से सशस्त्र बलों को हटाकर, वहां की कानून व्यवस्था पूरी तरह स्थानीय पुलिस को देने की योजनाएं हैं. पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर विश्वास की कमी होती थी, लेकिन आज वे ऑपरेशंस का नेतृत्व कर रहे हैं.'
AFSPA, अशांत क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों को सर्च, अरेस्ट और फायर ओपन करने की असीमित शक्तियां देता है. इसके लिए किसी क्षेत्र या जिले को AFSPA के तहत अशांत क्षेत्र नोटिफाई किया जाता है.
इससे पहले शाह कह चुके हैं कि पूर्वोत्तर के 70% इलाकों से अफस्पा हटाया जा चुका है. जम्मू-कश्मीर में भी लंबे वक्त से इस कानून को हटाने की मांग चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में सितंबर के पहले विधानसभा चुनाव करवाने के निर्देश दिए हैं. शाह ने भी दोहराते हुए कहा कि सितंबर के पहले राज्य में चुनाव हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि 'जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली का वायदा प्रधानमंत्री ने किया है और इसे पूरा किया जाएगा. ये लोकतंत्र सिर्फ तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि लोगों का लोकतंत्र होगा.'