ADVERTISEMENT

ICMR Study: 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को डायबिटीज, 13.6 करोड़ कतार में! 4 साल में 40% से ज्यादा बढ़े मरीज

स्टडी के अनुसार, देश की 15.3% आबादी प्री-डायबिटिक हैं. यानी आने वाले समय में वे भी डायबिटीज की चपेट में आ सकते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:08 PM IST, 09 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

देश में डायबिटीज के मरीज काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ICMR-INDIAB की लेटेस्ट स्टडी के मुताबिक, देश में 10.13 करोड़ लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं. 2019 में ये संख्या महज 7 करोड़ थी, यानी 4 साल में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 40% से ज्यादा बढ़ी है.

ये बीमारी 10.13 करोड़ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि 13.6 करोड़ और लोग ऐसे हैं, जो कतार में हैं. यानी उन पर भी डायबिटीज का खतरा मंडरा रहा है. मेडिकल जर्नल लैंसेट में ICMR की ये स्टडी प्रकाशित हुई है.

इस स्टडी के अनुसार, देश की 15.3% आबादी यानी 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं. यानी आने वाले समय में वे भी डायबिटीज की चपेट में आ सकते हैं. इन लोगों को सावधानी बरतने, शुगर से परहेज करने और अपनी लाइफस्टाइल व खानपान सुधारने की जरूरत है.

60.5 करोड़ मोटापा, 31.5 करोड़ लोग हाइपरटेंशन के शिकार

चेन्नई के डायबिटीज स्पेशलिस्ट, मेडिकल साइंटिस्ट और पद्मश्री अवार्डी डॉ वी मोहन ने ICMR-INDIAB की स्टडी रिपोर्ट शेयर करते हुए लोगों को सावधान किया है. उन्होंने स्टडी रिपोर्ट के आधार पर डायबिटीज के अलावा हाइपरटेंशन, मोटापा और हाइपर कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे भारतीयों की अनुमानित संख्या भी बताई है.

डॉ मोहन ने बताया, 'ICMR की स्टडी के अनुसार, देश में 31.55 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से जूझ रहे हैं. 25.42 करोड़ लोग सामान्य मोटापे के शिकार हैं, जबकि 35.11 करोड़ लोग पेट के मोटापे से परेशान है. वहीं, 21.33 करोड़ लोग हाइपरकोलेस्ट्रॉलेमिया से जूझ रहे हैं.' वहीं 13.6 करोड़ लोगों के प्री-डायबिटिक होने पर भी एक्सपर्ट्स ज्यादा चिंता जता रहे हैं.

कौन लोग होते हैं प्री-डायबिटिक?

AIIMS में काम कर चुके वरिष्ठ फिजिशियन डॉ PB मिश्रा ने BQ Prime Hindi को बताया, 'प्री-डायबिटिक का मतलब उन लोगों से है, जिनका ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा होता है.' उन्होंने कहा, 'हालांकि ब्लड शुगर की ये मात्रा इतनी ज्यादा नहीं होती कि व्यक्ति को टाइप-2 डायबिटीज का मरीज कहा जा सके. लेकिन लाइफस्टाइल में सुधार किए बगैर उनमें डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा होता है.'

'डायबिटीज विस्फोट' की आशंका

डायबिटीज का राष्ट्रीय औसत 11.4% है, लेकिन गोवा में इसका सबसे ज्यादा प्रसार (26.4%) है. गोवा के बाद पुडुचेरी और केरल का नंबर है. डायबिटीज का प्रसार पुडुचेरी में 26.3% और केरल में 25.5% है. सिक्किम में डायबिटीज और प्री-डायबिटीज दोनों का प्रसार अधिक है.

स्टडी में आशंका जताई गई है कि अगले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे कम प्रसार वाले राज्यों में 'डायबिटीज विस्फोट' हो सकता है. यानी इन राज्यों में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.

जहां डायबिटीज मरीज कम, वहां प्री-डायबिटिक ज्यादा

रिपोर्ट के अनुसार, गोवा, केरल, तमिलनाडु और चंडीगढ़ में डायबिटीज के मामलों की तुलना में प्री-डायबिटीज के मामले कम हैं. पुडुचेरी और दिल्ली में डायबिटीज और प्री-डायबिटीज मामलों की संख्या लगभग बराबर पाई गई है.

लेकिन डायबिटीज के कम मामलों वाले राज्यों में प्री-डायबिटिक लोगों की संख्या ज्यादा है. जैसे कि उत्तर प्रदेश में डायबिटीज का प्रसार देश में सबसे कम (4.8%) है, लेकिन प्री-डायबिटीज के राष्ट्रीय औसत 15.3% की तुलना में यहां 18% लोग प्री-डायबिटिक हैं.

यानी UP में डायबिटीज के एक मरीजों की तुलना में प्री-डायबिटीज के 4 मरीज हैं, जो जल्दी डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं. वहीं मध्य प्रदेश में, डायबिटीज के एक मरीज की तुलना में प्री-डायबिटीज के तीन मरीज हैं.

31 राज्यों के 1.13 लाख लोगों पर सर्वे

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ने देश के 31 राज्यों के 1,13,000 लोगों पर सर्वे किया, जिसमें ये मामले सामने आए. इस सर्वे में 20 साल और इसके अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया था. इस स्टडी के अनुसार, डायबिटीज के खतरों को देखते हुए सरकारों से तत्काल कदम उठाए जाने की अपेक्षा की गई है. स्टडी में कहा गया है कि राज्य स्तर पर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT