Weather Update Today: दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया था, जिसे अगले 5 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में भी गर्मी को लेकर कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है.
IMD ने मैदानी इलाकों में टेंपरेचर के बढ़े रहने के चलते मौसम विभाग ने रेड अलर्ट बढ़ा दिया है. पूरा उत्तर भारत इन दिनों टेंपरेचर का टॉर्चर झेल रहा है. सोमवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में तापमान 48 डिग्री के करीब पहुंच गया था. मौसम विभाग के मुताबिक, अधिकतम तापमान 50 डिग्री तक पहुंच जाए तो इसे जानलेवा माना जाता है.
राजस्थान के कई हिस्सों, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हीटवेव से लेकर गंभीर हीटवेव चलने की संभावना है. वहीं जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ के अलग-अलग हिस्सों में हीटवेव चलने की संभावना है. 22 मई से 26 मई तक इन इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.
IMD के मुताबिक, इस साल अल नीनो के चलते ज्यादा गर्मी पड़ रही है और हीटवेव चल रही है. अल नीनो के चलते प्रशांत महासागर की सतह पर बहने वाली हवा का पैटर्न बदल जाता है. वहीं हिंद महासागर और अरब सागर की ओर से भारत में आने वाली मॉनसूनी हवाएं कमजोर होती है. इससे भयानक सूखा या भीषण गर्मी पड़ती है.
वहीं, दक्षिण भारतीय राज्यों के ऊपर एंटी साइक्लोन सिस्टम एक्टिव होना भी भीषण गर्मी की एक बड़ी वजह है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु में सतह से करीब 3 किलोमीटर ऊपर एक्टिव एंटी साइक्लोन सिस्टम करीब 1,000 से 2,000 किलोमीटर तक फैला है, जो कि गर्म होकर ऊपर उठने वाली हवा को वापस जमीन की तरफ धकेल देता है. इस वजह से कई राज्यों में हीटवेव की स्थिति बनी हुई है.
चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में बिजली की मांग, मई में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. राजधानी में पावर डिमांड का आंकड़ा लगातार पांचवे दिन 7,000 मेगावाट के पार है.
दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC) की वेबसाइट पर एवलेबल आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार की दोपहर 3:33 बजे बिजली की अधिकतम मांग 7,717 मेगावाट पर पहुंच गई थी, जो मई में अब तक की सर्वाधिक मांग है.
सोमवार को ये आंकड़ा 7,572 मेगावाट था. दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग का रिकॉर्ड 29 जून, 2022 का है, जब डिमांड 7,695 मेगावाट तक पहुंच गई थी.
दक्षिण पूर्व अरब सागर, मालदीव, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और अंडमान निकोबार के कुछ हिस्सों में स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए अनुकूल बनी हुई हैं. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 से 3 दिनों के दौरान केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, माहे और कर्नाटक में बारिश के आसार हैं.