चीन से सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने बड़ी जानकारी दी है. भारत और चीन अपनी विवादित हिमालयी सीमा पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जो 2020 में बढ़े तनाव को कम करने की दिशा में एक कदम है. भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) ने सोमवार को ने बड़ी जानकारी दी है.
विदेश सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौता हो गया है. ये समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्त से संबंधित है.
उन्होंने कहा, 'हम WMCC और सैन्य स्तर की बैठकों के माध्यम से चीनी वार्ताकारों के साथ चर्चा कर रहे हैं. इन चर्चाओं ने पहले कई स्थानों पर गतिरोध को हल किया है. अब, LAC के साथ पेट्रोलिंग व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है, जिससे सैनिकों की वापसी होगी और 2020 के मुद्दों के समाधान के लिए मंच तैयार होगा.'
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए WMCC तनाव को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है. बीजिंग में अगस्त की बैठक के बाद, दोनों पक्ष बचे मुद्दों को हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य-स्तरीय संपर्कों को तेज करने पर सहमत हुए.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने जोर देकर कहा कि दोनों देश LAC पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा, ''LAC पर शांति और अमन-चैन को सामान्य बनाने की नींव बनी हुई है. उसने दोहराया कि दोनों सरकारें सीमा पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का पालन करेंगी.
हालांकि अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं.
16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-23 अक्टूबर को कजान में रूस की अध्यक्षता में होगा. "वैश्विक विकास और सुरक्षा को मजबूत करना" ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की थीम है.