भारत की अध्यक्षता में हो रहे G20 समिट में भारत को कई सफलताएं मिली हैं. इसी में से एक है IMEC. G20 देशों ने 'इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर' (IMEC) को शुरू करने का ऐलान किया है. जब ये कॉरिडोर बन जाएगा तब एशिया से लेकर मिडिल ईस्ट और यूरोप तक व्यापार को और बढ़ाया जा सकेगा.
इस कॉरिडोर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है. इस कॉरिडोर को लेकर एक 'बड़ी बात' करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अगले दशक में, भागीदार देश लोअर-मिडिल इनकम वाले देशों में बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करेंगे. बाइडेन ने कहा कि इस योजना में शामिल सभी नौ देशों के प्रमुखों को, साथियों को धन्यवाद. यह वास्तव में एक बड़ी उपलब्धि है.
व्हाइट हाउस की तरफ से इसे लेकर एक बयान भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उम्मीद है कि IMEC से एशिया, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच बढ़ी हुई कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण के जरिए आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.' व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि भविष्य को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका निवेश को आगे बढ़ाने और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए काम करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ये निवेश हमारे भविष्य दरवाजों को खोलेंगे और हमारे सुरक्षित और समृद्ध साझा दृष्टिकोण को मजबूती देते हैं.
अमेरिका के मुताबिक - इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिए हमारा लक्ष्य यूरोप, मिडिल ईस्ट और एशिया को जोड़ने वाले बंदरगाहों के माध्यम से रेलवे के साथ कनेक्टिविटी के एक नए युग की शुरुआत करना है.
जो बाइडेन ने कहा कि ये कॉरिडोर भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़े कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग पर एक ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली शुरुआत है.
व्हाइट हाउस के मुताबिक - संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और हमारे साझेदार दोनों महाद्वीपों को कमर्शियल हब से जोड़ने और स्वच्छ ऊर्जा के विकास और एक्सपोर्ट को सुविधाजनक बनाने का इरादा रखते हैं; बिजली की पहुंच का विस्तार करने के लिए समुद्र के नीचे केबल बिछाना और एनर्जी ग्रिड और दूरसंचार लाइनों को जोड़ना; एडवांस्ड क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी के इनोवेशन को सक्षम बनाना; और समुदायों को सुरक्षित और स्थिर इंटरनेट से जोड़ना. इस पूरे कॉरिडोर में, हम मौजूदा व्यापार और मैन्युफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने और फूड सिक्योरिटी और सप्लाई चेन को मजबूत करने की उम्मीद करते हैं.
IMEC में दो अलग-अलग कॉरिडोर शामिल होंगे, ईस्ट कॉरिडोर भारत को अरब की खाड़ी से जोड़ता है और नॉर्थ कॉरिडोर अरब की खाड़ी को यूरोप से जोड़ता है. इसमें एक रेलवे शामिल होगा, जो पूरा होने पर, मौजूदा समुद्री और सड़क परिवहन मार्गों के लिए एक भरोसेमंद और कम लागत वाला सीमा-पार शिप-टू-रेल नेटवर्क मुहैया कराएगा. जिससे माल और परिवहन को सक्षम बनाया जा सकेगा.