ADVERTISEMENT

भारत का नया दांव! स्टील, ऑटो पार्ट्स के इंपोर्ट पर अमेरिका को दिया 'जीरो टैरिफ' का प्रस्ताव

भारत मेडिकल डिवाइसेज और केमिकल्स जैसे सेक्टर्स में अपने मौजूदा क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है.
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी08:39 AM IST, 06 May 2025NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

भारत ने अमेरिका के सामने एक प्रस्ताव रखा है. भारत ने एक निश्चित मात्रा तक के इंपोर्ट पर रेसिप्रोकल आधार पर स्टील, ऑटो पार्ट्स और फार्मास्यूटिकल्स पर जीरो टैरिफ का प्रस्ताव किया है. मामले से परिचित लोगों ने ये जानकारी दी है. अगर अमेरिका इस प्रस्ताव पर हामी भर देता है या मान लेता है तो दोंनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और ज्यादा मजबूत हो जाएंगे.

भारत के प्रस्ताव में क्या है?

चूंकि ये चर्चाएं अभी निजी स्तर पर हैं, इसलिए इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने अपना पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि एक तय सीमा तक इंपोर्ट किए गए सामानों पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा, लेकिन इस सीमा के ऊपर अगर इंपोर्ट होता है तो इंपोर्टडे इंडस्ट्रियल गुड्स पर नियमित स्तर के टैरिफ ही लगेंगे. इन लोगों ने बताया कि ये प्रस्ताव पिछले महीने के अंत में वाशिंगटन का दौरा करने वाले भारतीय व्यापार अधिकारियों की ओर से इस साल की शरद ऋतु तक होने वाली द्विपक्षीय व्यापार सौदे पर बातचीत में तेजी लाने के लिए दिया गया था.

इन सूत्रों ने बताया कि दोनों देश अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के टैरिफ पर 90 दिनों की रोक खत्म होने से पहले ट्रेड डील के लिए कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रहे हैं.

सिकुड़ती अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बीच, ट्रंप ने रविवार को सुझाव दिया कि इस हफ्ते कुछ ट्रेड डील्स हो सकती हैं, जिससे ऊंची अमेरिकी इंपोर्ट ड्यूटी से बचने के इच्छुक ट्रेड पार्टनर्स को राहत मिलने की संभावना है. दक्षिण कोरिया, जापान और भारत सहित एशियाई अर्थव्यवस्थाएं उनके प्रशासन के साथ अंतरिम सौदे करने की दौड़ में सबसे आगे हैं. भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को भेजी गई ई-मेल का अभी कोई जवाब नहीं मिला है.

US की चिंता

लोगों ने बताया कि वाशिंगटन ने भारत से क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) के बारे में अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए भी कहा है, जिसे वो अपने एक्सपोर्ट के लिए एक गैर-टैरिफ व्यापार बाधा मानता है. अनिवार्य गुणवत्ता मानक, जो स्थानीय और विदेशी निर्माताओं दोनों को भारत में अपने सामान बेचने से पहले पूरा करने के लिए बेंचमार्क निर्धारित करते हैं, उनकी गैर-पारदर्शी और अनुचित होने के लिए आलोचना की गई है.

भारत मेडिकल डिवाइसेज और केमिकल्स जैसे सेक्टर्स में अपने मौजूदा क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर्स (QCOs) पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है, और उसने अमेरिका के साथ एक पारस्परिक मान्यता समझौते पर हस्ताक्षर करने की पेशकश की है जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स और प्रैक्टिस को स्वीकार करेंगे. हालांकि ये साफ नहीं है कि ये प्रस्ताव अंतिम सौदे का हिस्सा बनेंगे या नहीं. एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2014 से पहले सिर्फ 14 QCOs से बढ़कर 2017 के बाद से 140 से ज्यादा हो गए हैं.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT